झारखंड सरकार की पत्रकारों को पेशकश, योजनाओं के बारे में लिखकर कमाएं रुपये
झारखंड सरकार ने पत्रकारों को पेशकश की है कि वो सरकार की योजनाओं के बारे में लिखें और 15,000 रुपये का इनाम पाएं.
झारखंड सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग (आईपीआरडी) ने अलग-अलग अखबारों में “वर्तमान सरकार की योजनाओं से संबंधित पत्रकारों हेतू आलेख प्रकाशन” नाम से प्रकाशित इश्तेहार दिया. इश्तेहार के मुताबिक, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकार की योजनाओं के बारे में लिखने वाले 30 पत्रकारों को चुनकर उन्हें 15 हजार की इनामी राशि से प्रोत्साहित किया जाएगा. जिसमें से 25 लेखों का संकलन आईपीआरडी एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करेगा, प्रकाशित होने वाले लेखों के लेखकों को 5,000 रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी.
राज्य में विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले सामने आया ये विवाद अब धीरे-धीरे तूल पकड़ रहा है. झारखंड सरकार अपनी इस पहल के लिए विपक्ष के निशाने पर आ गई है. विधान सभा में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा. साथ ही प्रेस कौंसिल और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मामले में कार्यवाही की मांग की है.
उन्होंने लिखा, “शोर शराबा करवाना, मूलभूत मुद्दों को छुपाना भाजपा का सैद्धांतिक उद्देश्य है। राँची प्रेस क्लब तक ने इन्हें आईना दिखा दिया. भाजपा जितना अपना गाल बजाएगी, आने वाले चुनाव में जनता रघुबर दास की सरकार और भाजपाइयों का उससे ज्यादा गाल बजाएगी. उनका गाल कितना लाल करेगी यह जनता खुद बतायेगी.”
आईपीआरडी के एक अधिकारी ने सफाई दी कि “योजना है कि पत्रकार सरकार की विभिन्न योजनाओं पर विश्लेषण करते हुए एक लेख लिखें.” एक अन्य अधिकारी से पूछे जाने पर कि क्या ये सरकार से जुड़ी अच्छी खबरें प्रकाशित करने के बारे में है या आलोचनात्मक, तो अधिकारी ने कहा, “सरकार की सकारात्मक खबरें छपवाने के बारे में है.”
इसके लिए आवेदन देने की आखिरी तारीख 17 सितंबर थी, हालांकि बताया जा रहा है कि आवेदन की तारीख आगे बढ़ा दी गई है.
सरकार के जन संपर्क विभाग के उपाध्यक्ष अजय नाथ झा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सोरेन सरकार ने 2013 में इस स्कीम की शुरुआत की थी और इसी के तहत पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए 2 अक्टूबर को कार्यक्रम हुआ था.
झा ने मौजूदा कदम को “शोध को बढ़ावा देने” की दिशा में उठाया गया कदम कहा है.