जम्मू-कश्मीर बैंक बना पीएसयू
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जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्य पॉल मलिक की अध्यक्षता में बनी राज्य प्रशासनिक कौंसिल ने जम्मू-कश्मीर बैंक को पब्लिक सेक्टर यूनिट बनाने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद बैंक की स्वायत्तता खत्म हो गई है. जम्मू-कश्मीर बैंक को सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के दिशानिर्देशों और राज्य विधानमंडल के दायरे में लाया गया है.
इससे पहले जे एंड के बैंक एक प्राइवेट सेक्टर बैंक के रूप में जाना जाता था. जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की देख-रेख में काम करता था. यह नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के निरीक्षण में था.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इसे “परेशान करने वाला विकास” कहा. उन्होंने राज्य के गवर्नर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि, “लोगों का ध्यान रखने वाले प्रशासन ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले एक बार भी लोगों का मत नहीं लिया.”
पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह एक परेशान करने वाला कदम है. उन्होंने कहा, “इस तरह के फैसलों से संस्थानों की स्वायत्तता खत्म हो जाती है, इसलिए हम नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं ताकि इस तरह के हस्तक्षेपों को रोका जा सके.”
बैंक में राज्य की 59.3 फीसदी हिस्सेदारी है. राज्य में प्रेस और सूचना विभाग के डायरेक्टर ने कहा, “बैंक में राज्य की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है इसलिए इसे एक पब्लिक सेक्टर यूनिट बनाने की जरूरत महसूस हुई. इससे लेन-देन में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़वा दिया जा सकेगा.”
बैंक की सालाना रिपोर्ट को राज्य का वित्त विभागक, विधानसभा में पेश करेगा.