चुनाव के दौरान लोगों के बीच रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा: सर्वे


India's February unemployment rate highest in last four months

 

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. सभी दल लोगों से तमाम वादे कर रहे हैं. लेकिन एक आम भारतीय की प्राथमिकता क्या है? अमेरिका आधारित शोध संस्थान प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे के मुताबिक ज्यादातर भारतीय नौकरी को प्राथमिकता देते हैं.

इस सर्वे के मुताबिक 76 फीसदी लोगों ने ये माना कि नौकरियों की कमी सबसे बड़ी चुनौती है. इस दौरान कहा गया कि बीते समय के दौरान नौकरियों के मामले में बहुत कम सुधार हुआ है.

हालांकि लगभग एक तिहाई लोगों ने ये बात मानी कि पहले के मुकाबले आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ है. लेकिन 15 फीसदी लोगों ने इसे बहुत बुरा बताया.

अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की रिपोर्ट ने भी इस बात की तस्दीक की है. इस विश्वविद्यालय ने ‘चुनाव के बीच राजनीति और समाज’ नाम से रिपोर्ट जारी की है. संस्थान ने ये रिपोर्ट लोकनीति के साथ मिलकर तैयार की है. इस रिपोर्ट में भी कहा गया है कि चुनाव के दौरान रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा है.

अजीम प्रेमजी संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 20 फीसदी लोगों ने स्वीकारा कि देश के सामने बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. 15 फीसदी लोगों ने कहा कि ये सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.

प्यू सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि बीते पांच साल में भारत की मुख्य समस्याओं में कुछ बेहतरी हुई हैं या बहुत खराब हुई हैं. तो 67 फीसदी लोगों ने कहा कि समस्याएं पहले से कहीं अधिक खराब हो चुकी हैं. 21 फीसदी लोगों ने सुधार की बात कही, जबकि 47 फीसदी ने कहा कि चीजें बहुत अधिक खराब हो चुकी हैं.

प्यू सर्वे में 2,521 लोगों ने भाग लिया. ये सर्वे 23 मई से 23 जुलाई 2018 के बीच संपन्न हुआ. इस सर्वे में विदेशी संबंधों को लेकर लगभग एक तिहाई लोगों ने पाकिस्तान को खतरा माना. इसमें से लगभग 63 फीसदी लोगों ने पाकिस्तान को गंभीर खतरा करार दिया.


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