मणिपुर सरकार की आलोचना करने पर पत्रकार गिरफ्तार
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मणिपुर के इम्फाल में पत्रकार किशोरचंद वांगखेम को बीजेपी और राज्य सरकार की आलोचना करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया है. किशोरचंद ने मणिपुर में झांसी की रानी की जयंनी मनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अपने वीडियो में वांगखेम ने कथित तौर पर कहा है कि, “वह यह जानकर दुखी और स्तब्ध हैं कि मणिपुर में मौजूदा सरकार झांसी की रानी की जयंती मना रही है. झांसी की रानी ने जो किया उसका मणिपुर से कुछ लेना देना नहीं है और केंद्र के कहने पर राज्य झांसी की रानी की जयंती मना रहा है.”
वांगखेम ने राज्य के मुख्यमंत्री ए. बीरेन सिंह को वीडियो में ‘‘केंद्र की कठपुतली’’ और ‘‘हिंदुत्व की कठपुतली’’ बताया है. उन्होंने यह वीडियो 19 नवंबर को झांसी की रानी की जयंती पर अपलोड किया था.
गिरफ्तारी पर पुलिस ने कहा कि, “किशोरचंद वांगखेम एक स्थानीय टीवी चैनल में पत्रकार हैं और 19 नवंबर को उन्होंने अंग्रेजी और मैती में दो वीडियो अपलोड किए, जो उनके आधिकारिक काम से नहीं जुड़े हुए हैं.”
इस मामले में मुख्यमंत्री ने जयंती मानाए जाने पर कहा कि, “झांसी की रानी ने देश के एकीकरण में भूमिका निभाई थी.”
वांगखेम को पुलिस ने 20 नवंबर को गिरफ्तार किया था. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें 27 नवंबर को 70,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी. लेकिन 28 नवंबर को पुलिस ने वांगखेम को रासुका के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
30 नवंबर को इम्फाल में वांगखेम की तत्काल रिहाई के लिए प्रदर्शन भी किया गया.