जून में सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश, देश के अधिकांश हिस्सों पर सूखे की मार


june witness 33 percent less rainfall than average

 

मानसून की धीमी रफ्तार और कम बारिश के बाद अब जून के महीने में देश भर में सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है. पिछले 100 सालों में यह पांचवी बार है जब सामान्य से 33 फीसदी या इससे कम बारिश हुई है.

जून में औसतन बारिश 112.1 एमएम दर्ज की गई है. जबकि लंबे समय से जून महीने में औसतन सामान्य बारिश 166.9 एमएम रही है. इससे पहले चार बार ऐसा हुआ है जब औसतन बारिश 112.1 एमएम से कम रही हो. साल 2009 (85.7 एमएम), 2014 (95.4 एमएम), 1926 (98.7 एमएम) और 1923 (102 एमएम) बारिश रिकॉर्ड की गई थी.

देश के 36 में से 30 उप-प्रभागों में सामान्य से 20-60 फीसदी तक कम बारिश देखी गई है.

मानसून से पहले और फिर जून के महीने में हुई कम बारिश के बाद अब मानसून को अगले तीन महीनों में 96 फीसदी के औसत आंकड़े को छूने के लिए अच्छी बारिश की जरूरत होगी.

मानसून ने इस बार केरल में आठ दिनों की देरी से दस्तक दी और फिर धीमी रफ्तार से आगे बढ़ा. ऐसे में धीमी रफ्तार और कम बारिश के चलते देश के विभिन्न हिस्से सूखे की चपेट में हैं. मानसून की शुरुआत से पहले होने वाली बारिश भी इस बार कम रही. ऐसे में मध्य और दक्षिण भारत की कई हिस्सें सूखे की चपेट में हैं.

केंद्रीय जल आयोग की ओर से बीते हफ्ते जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि आंध्र प्रदेश के जलाशयों में सामान्य से 84 फीसदी और महाराष्ट्र के जलाशयों में सामान्य से 77 फीसदी कम पानी रह गया है.

दक्षिण भारत के अधिकतर जलाशयों पर भी सूखे की मार पड़ रही है. केरल-तमिलनाडु के जलाशयों में सामान्य से 47 फीसदी कम और कर्नाटक-तेलंगाना के जलाशयों में सामान्य से 36 फीसदी तक कम पानी रह गया है. गुजरात के कई हिस्सों में अब तक सामान्य से कम बारिश देखी गई है ऐसे में यहां जलाशयों में जल स्तर सामान्य से 23 फीसदी कम पाया गया है.

कुछ दिनों में मानसून पूरे भारत में पहुंच जाएगा. जानकारी है कि 30 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी में कम-दबाव का क्षेत्र बनने से अगले कुछ दिनों में अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है. माना जा रहा है कि इससे जुलाई के पहले हफ्ते में मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है.

मौसम विभाग ने ओडिशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना में अगले तीन से चार दिनों के भीतर तेज बारिश की संभानाओं को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है.

निजी मौसम प्रसारणकर्ता स्काईमेट ने भी 15 जुलाई तक अच्छी बारिश होने का अनुमान जताया है. स्काईमेट ने किसानों को सुझाव दिया है कि वह इस दौरान अपनी खरीफ की फसलें लगा सकते हैं.

स्काईमेट के एमडी जतिन सिंह ने कहा,”मुंबई में 3-5 जुलाई के बीच जोरदार बारिश का खतरा है. इस दौरान शहर में 200 एमएम से भी ज्यादा बारिश होगी. वहीं अब तक सूखा रहा चैन्नई जुलाई के पहले हफ्ते में कम बारिश देखेगा.”


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