सीबीआई अंतरिम निदेशक मामले में सुनवाई से जस्टिस एके सीकरी हुए अलग
जस्टिस एके सीकरी ने एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. जस्टिस सीकरी ने खुद को ये कहते हुए अलग किया कि वो सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को पद से हटाने वाली उच्च अधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा थे.
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आज सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर बैठक होनी है, इसलिए आज ही मामला सुन लिया जाए. इस पर सीकरी ने जवाब दिया, “आप मेरी स्थिति समझते हैं, मैं इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता. आप चीफ जस्टिस के पास जाए वे नई बेंच का गठन करेंगे और कल नई बेंच याचिका पर सुनवाई करेगी”. दूसरी पीठ अब इस मामले की सुनवाई कल करेगी.
पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले से अपने आप को अलग कर लिया था. उन्होंने कहा था कि वे सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली उच्चस्तरीय समिति के सदस्य हैं, ऐसे में उन्हें इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए.
याचिका गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज और आरटीआई कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज की ओर से दायर की गई है.
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त करने के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया गया था. उसके बावजूद सरकार ने मनमाने, गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से 10 जनवरी को एक बार फिर राव को नियुक्त कर दिया.
याचिका में सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने की मांग की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया था. जिसके बाद नागेश्वर राव को एक बार फिर सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया.
आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति सीबीआई के नए निदेशक का नाम घोषित करने वाली है.