कारगिल युद्ध में भाग ले चुके अधिकारी की हिरासत के बाद NRC मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार
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कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके एक सैन्य अधिकारी को विदेशी घोषित होने के बाद परिवार सहित हिरासत में ले लिया गया है. हिरासत में लिए गए पूर्व सैन्य अधिकारी का नाम मोहम्मद सनाउल्लाह हैं. वे राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किए जा चुके हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कामरूप जिले में कार्यरत इस न्यायाधिकरण ने इसी जिले के बोको पुलिस थाना क्षेत्र के गांव कोलोहिकाश के निवासी मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित कर दिया.
उधर एनआरसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुद्दे से जुड़े अधिकारियों को फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “मीडिया में कुछ परेशान करने वाली खबरें चल रही हैं, और मीडिया हमेशा गलत नहीं होता. मीडिया रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि शिकायतों का निवारण ठीक से नहीं हो रहा है.”
चीफ जस्टिस ने एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला से कहा कि वे इस मामले से जुड़े अधिकारियों से ये सुनिश्चित कराएं कि दी गई समय-सीमा के अंदर सभी लोगों को उनके दावे साबित करने का निष्पक्ष मौका मिले.
सनाउल्लाह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद से रिटायर्ड हुए हैं. वह इस समय सीमा पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं.
कामरूप जिले के अपर पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया ने बताया कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था.
उन्होंने बताया कि न्यायाधिकरण के फैसले के बाद पुलिस ने तय प्रक्रिया के अनुरूप कार्रवाई करते हुए सनाउल्लाह को गोलपाड़ा के हिरासत शिविर में भेज दिया.
शिविर में जाने से पहले सनाउल्लाह ने वहां इंतजार कर रहे पत्रकारों को बताया कि वह भारतीय नागरिक हैं और उनके पास नागरिकता से संबंधित सारे कागजात हैं.
सनाउल्लाह ने बताया कि उन्होंने सेना में शामिल होकर तीस साल (1987-2017) तक इलेक्ट्रोनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर विभाग में सेवाएं दी हैं.
उन्हें 2014 में राष्ट्रपति की तरफ से पदक भी मिल चुका है. वह बीते साल से सीमा पुलिस में बतौर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत है.
सनाउल्लाह के परिवारवालों ने बताया कि वह न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ गोवाहाटी हाई कोर्ट में अपील करेंगे.