शक्ति परीक्षण संपन्न करने के अपने वादे को पूरा करे कर्नाटक सरकार: स्पीकर
कर्नाटक में 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के भविष्य का फैसला करने वाली, विधानसभा की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए अध्यक्ष केआर रमेश ने सरकार से कहा कि वह शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया 22 जुलाई को पूरी करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करें.
सदन की कार्यवाही एक घंटा देर से शुरू हुई. अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा ‘‘चर्चा अब शुरू की जाए. सबकी नजर हम पर है. मुझे बलि का बकरा ना बनाएं. अपने लक्ष्य तक पहुंचें.’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रक्रिया 22 जुलाई को समाप्त हो जानी चाहिए.
वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अभी दो-तीन विधायक और इस्तीफा देंगे और भाजपा में शामिल होंगे.
इससे पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 18 जुलाई को विधानसभा में एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव रखा था. गौरतलब है कि कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण राज्य की गठबंधन सरकार का भविष्य डांवाडोल लग रहा है.
विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 19 जुलाई को भी जारी रही और राज्यपाल द्वारा इसे समाप्त करने के लिए तय दोनों समय-सीमा का पालन नहीं हुआ. राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले 19 जुलाई को दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा था.
शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे 22 जुलाई को अवश्य पूरा करेगी. इसके बाद सदन की कार्यवाही 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई.
अध्यक्ष ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा.’’ उन्होंने इसपर भी जोर दिया कि विश्वास मत प्रक्रिया में और देरी नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा जीवन सार्वजनिक है. जनता हमें देख रही है. अगर लोगों में यह विचार बन रह है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा.’’
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है.
अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धरमैया से कहा, ‘‘व्हिप जारी करना आपका अधिकार है. उसका पालन करना विधायकों पर है. यदि मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं नियमों का पालन करते हुए फैसला लूंगा.’’
सिद्धरमैया ने व्हिप जारी करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए आदेश के संबंध में एक सवाल उठाया था.
वहीं भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से कहा कि अगर उन्हें संविधान और राज्य की जनता में विश्वास है तो वह ‘इस्तीफा दें और घर जाएं.’’
भाजपा ने कहा कि कुमारस्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं.