किरण रिजीजू ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन से किया इनकार


Kiren rijiju rules out presidents rule in arunachal pradesh

 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने अरुणाचल प्रदेश में भड़की हिंसा के विरूद्ध राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विवादास्पद स्थाई निवास प्रमाणपत्र (पीआरसी) के मुद्दे से संबंधित चीजों को लोगों के समक्ष उचित ढंग से नहीं रख पाई.

पीआरसी मुद्दे पर इटानगर में बीते चार दिनों से हिंसा भड़की हुई है.

रिजीजू ने कहा, “राज्य में पेमा खांडू नीत बीजेपी सरकार को राज्य में जल्द से जल्द शांति बहाल करने के लिए नागरिक समाज के लोगों से संवाद शुरू करने सहित हरसंभव कदम उठाने चाहिए क्योंकि छह समुदायों को पीआरसी देने के मुद्दे पर भ्रम की स्थिति है.”

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का कोई सवाल ही नहीं उठता. राज्य सरकार को शांति स्थापित करने और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए तत्काल काम करना चाहिए. विरोध प्रदर्शन इसलिए हुए क्योंकि राज्य सरकार पीआरसी से संबंधित चीजों को लोगों के सामने उचित ढंग से नहीं रख पाई.’’

रिजीजू ने इस बात से भी इनकार किया कि सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा पेमा खांडू को हटाकर किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को हटाने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है.

छह गैर अरुणाचली जनजातियों-देओरी, सोनोवाल-कचारी, मोरन, आदिवासी, मिशिंग और गोरखा को स्थायी निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) दिए जाने के मुद्दे पर राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम तीन लोग मारे गए हैं.


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