मेघालय: एनडीआरएफ ने दिए मजदूरों की मौत के संकेत


labour stuck in a coal mine in meghalaya

 

मेघालय की एक अवैध खदान में पानी घुस जाने से करीब 15 मजदूर पिछले दो हफ्तों से फंसे हुए हैं. मजदूरों की तलाश के लिए के लिए राहत एंव बचाव कर्मी लगे हुए हैं. अब एनडीआरएफ की ओर संकेत आया है कि संभव है, सभी मजदूरों की मौत हो चुकी हो.

बचाव दल ‘एनडीआरएफ’ के सहायक कमानडेंट संतोष सिंह ने ज्यादा बोलने से इनकार कर दिया. लेकिन उन्होंने कहा कि संकेत अच्छे नहीं हैं. संतोष बचाव दल के प्रमुख हैं.

बचाव दल कर्मचारी खदान के अंदर से दुर्गंध आने की बात कह रहे हैं. इससे संकेत मिल रहा है कि खुदाई कर रहे लोगों की मौत हो चुकी है, ये बदबू लाशों के अपघटित होने की हो सकती है.

खदान में पानी का स्तर अभी कम नहीं हुआ है. प्रशासन ने पानी निकालने के लिए 25 हॉर्स पावर के जो पंप दिए हैं, उनसे पानी नहीं निकल रहा. बचाव दल ने 100 हॉर्स पावर के पंप की मांग की थी, जिसे अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस वजह से बीते सोमवार से ही पानी निकालने का काम नहीं हो पा रहा है.

मजदूर को बचाने के लिए सरकार द्वारा जरूरी प्रयास ना किए जाने को लेकर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की थी.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पानी से भरी कोयले की खदान में पिछले दो हफ्ते से 15 खनिक सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री बोगिबील सेतु पर कैमरों के सामने पोज देते हुए अकड़कर चल रहे थे. उनकी सरकार ने बचाव के लिए हाई प्रेशर वाले पंपों की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया.’

घटनास्थल पर एनडीआरएफ के 70 और एसडीआरएफ के 22 राहतकर्मी बचाव कार्यों में लगे हुए हैं. लेकिन बीते 14 दिनों में खदान से अब तक सिर्फ तीन हेलमेट बरामद किए जा सके हैं.

रैट होल तकनीकि से की जा रही इस खुदाई में 3-4 फीट व्यास की गड्ढे बनाए जाते हैं, जिनसे होकर कोयला बाहर निकाला जाता है. अब इतने छोटे गड्ढों से होकर जाना बचाव दल के लिए खदान में जाना आसान काम नहीं है. मजदूरों के करीब 300 फीट की गहराई में फंसे होने की बात कही जा रही है.

अवैध तरीके से चलाई जा रही इस खदान में जिस ‘रैट होल’ तकनीकि से खुदाई का काम चल रहा था. उस पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानि एनजीटी साल 2014 में ही रोक लगा चुका है.


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