बोरों का वजन अधिक होने से परेशान कामगार जाएंगे हड़ताल पर
फाइनेंशियल एक्सप्रेस
मध्य प्रदेश के बोझा उठाने वाले कामगार (हम्माल) हड़ताल पर जा रहे हैं. कामगारों का ये विरोध बोरों का वजन 50 किलोग्राम से ज्यादा करने को लेकर हो रहा है. हम्मालों के एक संगठन ने करीब 250 कृषि उपज मंडियों में अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाई है.
संगठन ने चेतावनी दी कि अगर मंडियों में भरे जाने वाले बोरों का वजन नहीं घटाया गया, तो सूबे के करीब 30 लाख हम्माल आगामी लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे.
मध्य प्रदेश हम्माल तुलावटी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक राजू प्रजापति ने कहा, “अब हम 50 किलोग्राम से ज्यादा वजनी बोरा हर्गिज नहीं उठायेंगे. राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) ने करीब दो साल पहले आदेश दिया था कि अंतरराष्ट्रीय आदर्श श्रम मानकों के मुताबिक हम्मालों से 50 किलोग्राम से ज्यादा वजनी बोरा नहीं उठवाया जाए.”
उन्होंने कहा, “हम पहले भी इस मुद्दे पर हड़ताल कर चुके हैं. लेकिन राज्य सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद मंडी बोर्ड के इस आदेश का पालन नहीं कराया जा रहा है. लिहाजा हमने फैसला किया है कि अगर भरे बोरों का वजन नहीं घटाया गया, तो सूबे के करीब 30 लाख हम्मालों से अपील की जायेगी कि वे आगामी लोकसभा चुनावों में मतदान का बहिष्कार करें.”
राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने छह मई 2017 को सभी मंडी समितियों को जारी आदेश में कहा था, “अंतरराष्ट्रीय आदर्श श्रम मानकों में किसी सक्षम वयस्क व्यक्ति द्वारा 50 किलोग्राम से अधिक भार उठाना अनुपयुक्त माना गया है. अत: प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में द्वारा उठाये जाने वाले बोरों का वजन 50 किलोग्राम से अधिक न रखा जाए.”
हम्मालों के नेता प्रजापति ने कहा, “लंबे समय तक इतने भारी वजन के बोरे उठाने के बाद ज्यादातर हम्मालों को 40 साल की उम्र के बाद गर्दन, कन्धों, कमर और घुटनों की समस्याएं शुरू हो जाती हैं.”