राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई जल्दी करे सुप्रीम कोर्ट : रविशंकर प्रसाद


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केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने अयोध्या राम जन्म भूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्दी सुनवाई करने की अपील की है. शास्त्री ने अलग-अलग केस की एक साथ तुलना करते हुए कहा कि सबसरीमाला और व्यभिचार के मामले में कोर्ट जल्दी फैसला ले सकता है तो राम मंदिर पर कोर्ट फैसला क्यों नहीं सुना रहा है.

उन्होंने अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 15वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि “मैं अपील करना चाहूंगा, एक न्याय मंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक आम नागरिक के तौर पर, इस केस में हमारे पास इतने सबूत हैं कि फैसला अच्छा ही होगा.”

उन्होंने व्यभिचार, सबरीमाला और राम मंदिर केस की एक साथ तुलना करते हुए कहा कि “लोग मुझसे पूछते हैं कि व्यभिचार और सबरीमाला मामले में फैसला छह महीने में हो जाता है, शहरी नक्सल पर दो महीने हो जाता है तो राम मंदिर का केस 70 साल से क्यों लटका हुआ है, सुनवाई क्यों नहीं होती.”

इस समारोह में उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति एम. आर. शाह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी भी मौजूद थे.

इससे पहले कई हिंदू संगठन बाबरी मस्जिद विवाद में सुनवाई आगे बढ़ने की वजह से सुप्रीम कोर्ट से अपनी नाराजगी जता चुके हैं. अब इस केस में अगले महीने होने जा रही सुनवाई को कई मायनों में अहम माना जा रहा है क्योंकि इसका सीधा प्रभाव 2019 लोकसभा चुनावों पर होगा. सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी, 2019 को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.


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