रविशंकर प्रसाद ने न्यायिक सेवाओं में एससी/एसटी आरक्षण की बात कही


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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने न्यायिक सेवाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की बात कही है. कानून मंत्री ने इसके लिए एक नई चयन व्यवस्था बनाने का विचार रखा है. रविशंकर प्रसाद के मुताबिक लोक सेवा आयोग ऑल इंडिया स्तर पर न्यायिक भर्ती परीक्षा आयोजित कर सकता है.

हालांकि कानून मंत्री ने इस दौरान इन सेवाओं में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का कोई जिक्र नहीं किया. इससे पहले प्रसाद लखनऊ में ऑल इंडिया लॉयर्स बोर्ड की बैठक में भी एक नए न्यायिक चयन बोर्ड की बात कही थी.

कानून मंत्री ने इसके लिए ऑल इंडिया ज्यूडीशियल सर्विसेस बनाने की बात कही है. उनके मुताबिक इसमें चयन परीक्षा आधारित होना चाहिए, जिससे चयन स्तर पर वंचित वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है.

उनके मुताबिक इससे इन सेवाओं में अनुसूचित जातियों और जनजातियों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा.

रविशंकर प्रसाद ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “अगर न्यायिक सेवाओं में भर्ती के लिए परीक्षा लोक सेवा आयोग आयोजित करवाता है, तब चयन के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण मिल सकता है. इस तरह से आरक्षण की सहायता से वंचित वर्ग के लोग ऊंचे पदो तक पहुंच सकते हैं.”

कानून मंत्री ने कहा, “एक सुगठित न्यायिक सेवा अच्छे और योग्य लोगों को आकर्षित करेगी, इससे न्यायिक व्यवस्था में जिला जज के स्तर तक जानकार लोग आयेंगे. जिससे व्यवस्था में सुधार होगा.”


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