नितिन गडकरी ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर उठाए सवाल


Leadership must own up to defeat also, nitin gadkari

 

विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बाद पार्टी और उससे जुड़े हुए संगठनों के भीतर से लगातार विरोधाभासी स्वर उठ रहे हैं. अब बीजेपी सरकार में ऊंचा कद रखने वाले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं.

अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने कहा कि जीत का श्रेय लेने को तैयार लोग हार की जिम्मेदारी नहीं लेते. गडकरी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के काफी करीबी माने जाते हैं.

उन्होंने कहा, “सफलता के बहुत से जनक हैं, लेकिन हार अनाथ है, जीत का श्रेय लेने के लिए होड़ लगी रहती है, लेकिन हार के बाद जिम्मेदारी लेने की जगह सब एक-दूसरे पर उंगली उठाने लगते हैं.”

गडकरी, पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने कहा, “कभी बैंकों को सफलता मिलती है कभी वे सफल नहीं होते हैं..बैंकों को दोनों स्थितियों का सामना करना पड़ता है.

राजनीति में जब हार होती है तो कमिटी बनाई जाती है, लेकिन सफलता के समय कोई आपसे कुछ पूछने नहीं आता.”

इससे पहले महाराष्ट्र के एक बड़े किसान नेता मोदी की जगह गडकरी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की बात बोल चुके हैं.

महाराष्ट्र सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री किशोर तिवारी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को एक पत्र लिखा था.

इस पत्र उन्होंने संघ प्रमुख से कहा था कि अगर अगले आम चुनाव में बीजेपी को जीतना है तो मोदी की जगह गडकरी को दी जानी चाहिए.


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