पश्चिम बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन करीब-करीब तय


Left and congress alliance in West Bengal

 

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामदलों के बीच गठबंधन अंतिम चरण में पहुंच गया है. गठबंधन के तहत कांग्रेस 17 और लेफ्ट पार्टियां 25 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं. अबतक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने लिखा है, “पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर माकपा और कांग्रेस के बीच गतिरोध को राहुल गांधी और सीताराम येचुरी के हस्तक्षेप के बाद लगता है सुलझा लिया गया है.”

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, माकपा द्वारा रायगंज और मुर्शिदाबाद लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने दलील दी है कि एआईसीसी मामले पर गौर करेगी.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘हमें पता चला है कि गांधी और येचुरी के बीच चर्चा हुई है. बाद में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं और रायगंज से मुख्य दावेदारों में एक दीपा दासमुंशी से बात करने के पश्चात यह तय हुआ है कि कांग्रेस इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी.’’

हालांकि, कांग्रेस के नेता ने कहा कि अभी इस घटनाक्रम पर आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है.

अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने भी सूत्रों के हवाले से गठबंधन की प्रगति की पुष्टि की है. एक कांग्रेस नेता ने नौ मार्च को कहा कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझने की उम्मीद बढ़ गई है.

पश्चिम बंगाल के एक कांग्रेस नेता ने कहा कि रायगंज और मुर्शिदाबाद सीट पर कांग्रेस की दावेदारी छोड़ने के बाद रायगंज की पूर्व सांसद दीपा दास मुंशी को दूसरे राज्य के कोटे से राज्यसभा भेजा जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक बेहरामपुर के सांसद अधिर चौधरी ने मुर्शिदाबाद से अपनी उम्मीदवारी छोड़ने का संकेत दिया है.

कांग्रेस के एक राज्य नेता के मुताबिक, “आठ मार्च की रात को राहुल गांधी के साथ चर्चा हुई है. उन्होंने एक सप्ताह के भीतर आम चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने का मन बना लिया है.”

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 23 मार्च से मालदा के चंचोल से चुनाव प्रचार की शुरुआत कर सकते हैं.

लेफ्ट फ्रंट ने आठ मार्च को घोषणा की थी कि लोकसभा चुनाव 2014 में रायगंज से जीतने वाले मोहम्मद सलीम और मुर्शिदाबाद से बदरूद्दोजा खान इस साल भी चुनाव लड़ने वाले हैं. वहीं कांग्रेस पिछले चुनाव में जिन चार सीटों पर जीत हासिल की थी वहां लेफ्ट फ्रंट अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा.

कांग्रेस नेता के मुताबिक राहुल गांधी विधानसभा चुनाव 2021 तक गठबंधन जारी रखना चाहते हैं.

साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट दोस्ताना लड़ाई में थे. लेकिन यह साझेदारी वामपंथी दलों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुई.

विधानसभा चुनाव में 294 सीटों में कांग्रेस को 44 और लेफ्ट को केवल 33 सीटें मिली थीं. वहीं, तृणमूल कांग्रेस 211 सीटें जीतकर सरकार बनाने में कामयाब रही थी.  कांग्रेस के 18 विधायक और वामपंथी पार्टियों के तीन विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद तृणमूल कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 232 हो गई है.

साल 2016 के विधानसभा चुनाव में वापमंथी पार्टियों को 26 फीसदी और कांग्रेस को 12 फीसदी वोट मिले थे. जबकि तृणमूल कांग्रेस को करीब 45 फीसदी वोट मिले थे.

कांग्रेस नेता कहते हैं कि चार जीते हुए सीटों के अतिरिक्त 13 सीटों का नाम तय होना बाकी है. कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों पर पार्टी में विचार के बाद आधिकारिक रूप से घोषणा की जा सकती है.


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