लोकसभा चुनाव: कुछ ऐसा हो सकता है कांग्रेस का घोषणा पत्र


it is a defeat of democracy and people of karnataka says rahul gandhi

 

कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करने जा रही है. ऐसे में कयास लगने शुरू हो गए हैं कि इस बार कांग्रेस किन प्रमुख चुनावी वादों के साथ जनता के सामने आएगी. कांग्रेस के वचन पत्र में कुछ बड़ी घोषणाएं शामिल हो सकती हैं.

इसमें प्रमुख तौर पर अर्धसैनिक बलों के सैनिकों को शहीद का दर्जा देने, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने, किसानों की कर्जमाफी और फेक न्यूज के खिलाफ सख्त कानून बनाने के वादे शामिल हो सकते हैं. साथ ही न्यूनतम आय की गारंटी भी शामिल होने की पूरी संभावना है.

अन्य बातों के साथ ये कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर घोषणा पत्र बनाते समय काफी चर्चा हुई है. इसके अलावा दल-बदल कानून को सख्त बनाए जाने की घोषणा भी की जा सकती है.

कांग्रेस के घोषणा पत्र में जिस विषय पर सबसे ज्यादा फोकस होने की संभावना है वो गरीबी हटाने के लाई गई न्यूनतम आय गारंटी योजना है. पार्टी पहले ही इसको लेकर काफी कुछ सामने ला चुकी है.

कांग्रेस इस योजना को ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के नाम से सामने ला रही है. इस योजना के मुताबिक 20 फीसदी गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाने हैं.

इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खाली पड़े सरकारी पदों पर भर्ती की बात भी कही थी. उन्होंने कहा, “सरकारी क्षेत्र में आज 22 लाख पद खाली पड़े हैं. हम इस पदों को 31 मार्च 2020 तक भर देंगे.” उन्होंने केंद्र की ओर से राज्यों को स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए दिए जाने वाले फंड को नौकरियों से जोड़ने की बात कही थी.

कांग्रेस स्वास्थ्य को अधिकार के रूप में शामिल करने के साथ ही इस पर खर्च की सीमा बढ़ाएगी. इसे बढ़ाकर जीडीपी के तीन फीसदी तक करने की घोषणा करने की संभावना है. शिक्षा के मामले में भी खर्च को बढ़ाकर जीडीपी के छह फीसदी तक ले जाने की बात हो सकती है.

कृषि क्षेत्र में जारी संकट को नियंत्रित करने के लिए कांग्रेस कृषि और शिक्षा परिषद बनाने की घोषणा कर सकती है. घोषणा पत्र में किसान क्रेडिट कार्ड तक किसान की पहुंच आसान बनाने की बात भी की जाएगी.

इसके अलावा इसमें उद्योग जगत के लिए भी कुछ ना कुछ अवश्य होगा. उदाहरण के लिए एंजेल टैक्स को खत्म करना. एंजेल टैक्स स्टार्ट-अप के शेयरों पर लगने वाला कर है.

हाल में ये काफी चर्चा में रहा क्योंकि कुछ स्टार्ट-अप को कई साल बाद एंजेल टैक्स के लिए नोटिस दिया गया. इन स्टार्ट-अप ने कुछ साल पहले कारोबार को बढ़ाने के लिए शेयर जारी कर धन जुटाया था.


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