वीवीपैट की वजह से चुनाव परिणाम आने में हो सकती है देरी


evm and postal ballot can be counted simultaneously says ec

 

23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम आने में 4 से 5 घंटे की देरी हो सकती है या फिर संभव है कि परिणाम 24 मई को सुबह घोषित किए जाएं. हर विधानसभा में पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों के मिलान के फैसले के बाद एक चुनाव अधिकारी ने कोर्ट को ये जानकारी दी है.

निर्वाचन उपायुक्त सुदीप जैन ने एनडीटीवी को बताया कि “एक वीवीपैट से वोट गिनने में करीबन एक घंटा लगता है. अब एक की जगह पांच वीवीपैट से वोट गिनने का आदेश है. इसके बाद फैसला आने में करीबन 4 से 5 घंटा ज्यादा लगेगा या हो सकता है कि अंतिम परिणाम 24 मई की सुबह घोषित किए जाएं.” जैन कहते हैं ईवीएम और वीवीपैट में छेड़छाड़ संभव नहीं, इसलिए उन्हें परिणामों की विश्वसनीयता पर पूरा भरोसा है.

इस मामले में 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. इस याचिका में पार्टियों ने कोर्ट से मांग की थी कि वह चुनाव आयोग को 50 फीसदी ईवीएम से वीवीपैट के मिलान करने का निर्देश दे.

इस पर चुनाव आयोग ने देरी का तर्क दिया था. चुनाव आयोग ने कोर्ट में कहा था कि हमारे पास इतनी जनशक्ति नहीं है कि 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान किया जा सके. साथ ही आयोग ने परिणामों में 4 से 5 दिन की देरी की भी बात उठाई थी.

इसके बाद 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया था कि हर विधानसभा में एक की बजाय  पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों का मिलान होगा. सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश पर पार्टियों ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने 7 मई को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने इस दौरान अपने पिछले फैसले को दोहराया था.

सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा था कि 4 हजार 125 विधानसभा क्षेत्रों में 20 हजार 625 ईवीएम का वीवीपैट से मिलान (कुल संख्या का 2 फीसदी) पर्याप्त है. फिलहाल, देश भर में कुल 10 लाख 35 हजार ईवीएम हैं.


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