महाराष्ट्र : दो हफ्ते के लिए टली गन्ना किसानों की हड़ताल
महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादक किसानों की चार दिनों से चल रही हड़ताल दो हफ्ते के लिए टल गई है. किसानों और चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के बीच दिन भर चली बैठक के बाद किसानों ने बकाया भुगतान के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया है.
12 और 13 जनवरी को महाराष्ट्र की चीनी मिलों पर हमले हुए. इन दो दिनों में खेती और परिवहन भी ठप रहा. किसानों ने पुणे-बेंगलुरू हाई-वे पर तंडुलवाड़ी के निकट रोड जाम किया. चीनी उत्पादक जिलों कोल्हापुर, सांगली, सतारा, सोलापुर स्थित चीनी मिलें हड़ताल से अधिक प्रभावित हुई हैं.
यहां से महाराष्ट्र का 60 फीसदी चीनी का उत्पादन होता है. पूरे देश की करीब एक तिहाई चीनी का उत्पादन भी यहां से होता है.
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेतृत्व में किसान आंदोलन कर रहे हैं. संगठन के प्रमुख राजू शेट्ठी लगातार गन्ना किसानों को किश्तों में होने वाले भुगतान का विरोध करते रहे हैं. किसान गन्ना का उचित मूल्य का भुगतान एकमुश्त करने की मांग कर रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार के चीनी आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो महीनों में किसानों को मामूली भुगतान हो पाया है.
31 दिसंबर तक किसानों को कुल 7,450. 89 करोड़ रुपये में से केवल 2,875.36 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. महाराष्ट्र, सांगली और सतारा के ज्यादातर मिलों ने किसानों को भुगतान नहीं किया है. इस मामले में उत्तर प्रदेश की स्थिति भी बेहतर नहीं है. दोनों राज्यों को मिला दें तो चीनी मिलों पर किसानों का 11,000 करोड़ बकाया है.
चीनी मिल मालिकों ने सरकार से बेल आउट पैकेज की मांग की है.