महाराष्ट्र सरकार ने एमबीबीएस में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रखा


supreme court dismissed review petition by devendra fadanvis

 

ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को अधिक से अधिक डॉक्टर उपलब्ध कराए जा सकें, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने एमबीबीएस की 10 और मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन की 20 प्रतिशत सीटों को रिजर्व करने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, सरकार ने इसके साथ एक कड़ी शर्त भी रखी है.

इन सीटों से कोर्स करने के बाद जो भी डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में काम नहीं करेंगे, उन्हें पांच साल कैद की सजा हो सकती है. साथ ही उनकी डिग्री भी निरस्त की जा सकती है.

स्टेट कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जल्द ही इस संबंध में विधेयक पेश किया जाएगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके चलते एमबीबीएस की 450 से 500 और मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की करीब 300 सीटें आरक्षित हो जाएंगी.

महाराष्ट्र के 2018-19 के आर्थिक सर्वे के अनुसार राज्य में 1,330 लोगों पर एक डॉक्टर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होने की बात कहता है. वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार के पास डेढ़ लाख एलोपैथी डॉक्टर हैं.

सरकार के इस एलान के बाद विशेषज्ञों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. कई विशेषज्ञ इस योजना को लेकर सरकार की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार वर्तमान में बॉन्ड सर्विस का क्रियान्वयन ढ़ंग से नहीं कर पाई है.


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