बैठक के दौरान बीजेपी गठबंधन से अलग होने पर विचार करेगा एनपीएफ


manipur naga peoples front to review alliance with bharatiya janata party

 

मणिपुर में बीजेपी नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने कहा है कि बीजेपी एनपीएफ के विचारों और सुझावों को तवज्जो नहीं दे रही है. एनपीएफ ने 18 मई को इस बात पर फैसला करने के लिए अपने नेताओं की बैठक बुलाई है. जिस दौरान ये तय होगा कि उसे गठबंधन में बने रहना है या अपना समर्थन वापस लेना है.

इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी ने कहा कि उसने सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोगियों को हरसंभव सुविधाएं दी हैं.

बता दें कि 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीएफ के पास चार विधायक हैं. अगर पार्टी हटती भी है तो इससे बीजेपी नेतृत्व वाले गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

साल 2017 का विधानसभा चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के 28 में से आठ विधायक पिछले साल बीजेपी में शामिल हो गए थे जिससे विधानसभा में अब उनकी संख्या 21 से बढ़कर 29 हो गई है. सत्तारूढ़ गठबंधन में अन्य पार्टियां एनपीपी (चार), लोजपा (एक), निर्दलीय (एक) और एआईटीसी (एक) शामिल हैं.

‘पीटीआई’ से बात करते हुए नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के प्रदेश इकाई के प्रमुख अवांगबू नेवमई ने दावा किया कि बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों को तुच्छ समझती है.

इस बारे में विस्तृत जानकारी दिए बिना उन्होंने कहा, “2016 में गठबंधन सरकार के गठन के बाद से बीजेपी ने कभी गठबंधन की मूल भावना का सम्मान नहीं किया. ऐसे कई मौके आये जब उनके नेताओं ने हमारे सदस्यों को गठबंधन सहयोगी मानने से इनकार किया.”

नेवमई ने यह भी कहा कि भगवा पार्टी ने अपने गठबंधन सहयोगियों को जो वादे किए थे उसे कभी पूरा नहीं किया.

उन्होंने दावा किया, “एनपीएफ ने हमेशा बीजेपी को अपने बड़े भाई की तरह समझा है लेकिन यह भगवा पार्टी हमें झांसा देने से नहीं माना. हमें उचित सम्मान नहीं मिला.”

नेवमई के दावों को गलत बताते हुए मणिपुर में बीजेपी प्रवक्ता सीएच बिजॉय ने कहा कि एनपीएफ ने गठबंधन में शामिल होने के दौरान कहा था कि उसे मंत्री पद नहीं चाहिए लेकिन अब ऐसा लगता है कि पार्टी की कई मांगें हैं.

एनपीएफ के चार विधायकों में से लोशी दिखो मंत्री हैं जो माओ विधानसभा सीट से विधायक हैं.

उन्होंने कहा, “एनपीएफ की मांगें पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद हैं. सरकार के सुचारू कामकाज के लिये हमारे गठबंधन सहयोगियों को हर संभव सुविधाएं दी गई हैं.”


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