कॉर्पोरेट कर में कमी पर आईटी समेत बड़ी कंपनियों को लाभ नहीं


many big firms including IT company may not benefit from corporate tax cut

 

कॉर्पोरेट कर में कमी करने के सरकार के फैसले से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को इसका लाभ मिलता हुआ दिख रहा है जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजी और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कई बड़ी कंपनियों को इससे बहुत अधिक लाभ होने की संभावनाएं नहीं है. प्रभावी दर पर ये कंपनियां 25.17 फीसदी से कम या अधिक दर से कर का भुगतान कर रही थीं.

वित्त मंत्री सीतारमण ने कल पणजी में ही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चौथे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की. इसमें घरेलू कंपनियों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और विनिर्माण क्षेत्र में नई इकाइयां स्थापित करने वाले निवेशकों के लिए कर में बड़ी रियायत दी गई. कॉर्पोरेट कर की दर को बिना किसी छूट के घटाकर 22 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है जबकि विनिर्माण क्षेत्र में एक अक्टूबर 2019 से स्थापित इकाइयों पर कर की दर को 15 प्रतिशत किया गया है.

द इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि कोटक सिक्योरिटी के डेटा के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में बजाज फाइनेंस ने मुनाफे पर 35.7 फीसदी कर भुगतान किया. वहीं एचडीएफसी बैंक ने 34.5 फीसदी और कोटक महिंद्रा बैंक ने 34.1 फीसदी कर चुकाया. जबकि इंडसइंड बैंक ने 33.7 फीसदी और एक्सिस बैंक ने 32.9फीसदी की दर पर कर का भुगतान किया.

मुनाफे और मार्केट कैप के आधार पर रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भारत की दो सबसे बड़ी संस्थाएं हैं. बीते वित्त वर्ष में रिलायंस ने कर पूर्व हुए मुनाफे पर 25.76 फीसदी और टीसीएस ने 26.13 फीसदी कर चुकाया. इंफोसिस ने 26.22 फीसदी, विप्रो ने 23 फीसदी और एचसीएल टेक्नोलॉजी ने 17.6 फीसदी की दर से कर चुकाया. ऐसे में कटौती का बहुत अधिक प्रभाव आईटी समेत कई बड़ी कंपनियों पर नहीं होगा.

सरकार के इस कदम से वाहन निर्माता कंपनियों को भी लाभ होगा. बजाज मोटर्स, हीरो मोटो कॉर्प और इचर मोटर्स को इससे लाभ होता हुआ दिख रहा है, जो अब तक 32 से 34 फीसदी कर का भुगतान कर रही थीं. बीते वित्त वर्ष में 28.33 फीसदी कर का भुगतान करने वाली मारुति सुजुकी को भी इस फैसले से लाभ होगा.

एनएसई 500 में नामित 487 कंपनियां अब नए प्रभावी कर की दर से भुगतान करेंगी, इससे उनकी सालाना प्रति शेयर कमाई पर 7 फीसदी का सकारात्मक प्रभाव होगा.

कोटक सिक्योरिटी ने कहा कि निफ्टी कंपनियां 26 फीसदी की प्रभावी दर से कर का भुगतान कर रही थीं जो अब घटकर 25.17 फीसदी हो गया है. केवल 20 निफ्टी कंपनियां थीं जो 30 फीसदी की अधिक कर दर पर भुगतान कर रही थीं. जिनसे बीते वित्त वर्ष में कुल शुद्ध लाभ का 43 फीसदी हिस्सा था. कोटक रिपोर्ट के मुताबिक जो भी कंपनियां 33 फीसदी की प्रभावी दर से कर भुगतान कर रही थी उनकी कमाई में 12 फीसदी तक का उछाल आएगा.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने जुलाई के बाद से भारतीय कंपनियों से 34,800 करोड़ रुपये निकाले हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि क्योंकि कंपनियां का मुनाफा बढ़ेगा तो एफपीआई भी लौटने की संभावनाएं हैं.


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