पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन


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लोकसभा में पारित विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ छात्र संघों और वाम-लोकतांत्रिक संगठनों ने 10 नवंबर को पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़क बंद होने के कारण अस्पताल ले जाते समय दो महीने के एक बीमार बच्चे की मौत हो गई.

राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किये जाने से एक दिन पहले असम में इस विधेयक के खिलाफ दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन ठप रहा.

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू), नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन, वामपंथी संगठनों-एसएफआई, डीवाईएफआई, एडवा, एआईएसएफ और आइसा ने अलग से एक बंद आहूत किया.

गुवाहाटी के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जुलूस निकाले गए और प्रदर्शनकारियों ने इस विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के पुतले भी जलाए.

डिब्रूगढ़ : बंद समर्थकों की सीआईएसएफ कर्मियों से झड़प में तीन घायल

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सचिवालय और विधानसभा की इमारतों के बाहर गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प भी हुई क्योंकि पुलिस प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक रही थी.

डिब्रूगढ़ जिले में बंद समर्थकों की झड़प सीआईएसएफ कर्मियों के साथ हुई. इनमें से तीन घायल हो गए क्योंकि ये ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के कर्मचारियों को कार्यालय में जाने से रोक रहे थे.

सोनोवाल और राज्य के अन्य मंत्रियों के काफिलों का मार्ग मोड़ दिया गया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य मार्गों को अवरुद्ध कर दिया था.

असम में ट्रेन सेवा प्रभावित, परीक्षाओं की समय-सारणी बदली

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि पूरे असम में ट्रेन सेवा प्रभावित रही क्योंकि रेलवे की पटरियों पर अवरोधक लगाए गए थे.

बंद को देखते हुए सभी पहले से तय परीक्षाओं की समय-सारणी बदल दी गई है.

प्रदर्शनकारियों ने असम में बीजेपी, असम गण परिषद के मुख्यालयों, दूरदर्शन केन्द्र और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व सरमा की पत्नी के स्वामित्व वाले एक निजी टीवी चैनल के कार्यालय का घेराव किया.

गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में सोनोवाल ने प्रदर्शनकारियों से ‘भ्रामक सूचना’ नहीं फैलाने और राज्य में अशांति पैदा करने से बचने के लिए कहा.

आसू ने किया विवादास्पद विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख

इस बीच आसू के नेताओं ने देर  शाम कहा कि वे विवादास्पद विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.

त्रिपुरा के धलाई में दुकानों में आगजनी

त्रिपुरा में एनईएसओ द्वारा आहूत बंद में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने 10 नवंबर को त्रिपुरा के धलाई जिले के एक बाजार में आग लगा दी. इस बाजार में ज्यादातर दुकानों के मालिक गैर-आदिवासी हैं. हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ.

अधिकारी ने बताया, ”बाजार में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, लेकिन इस घटना से गैर-आदिवासी लोगों के मन में भय है, जो ज्यादातर दुकानों के मालिक हैं.”

एक आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि त्रिपुरा में शरारती तत्वों द्वारा अफवाहों को फैलाने से रोकने के लिए 10 नवंबर को दो बजे से 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है.

पुलिस ने बताया कि सेपाहीजला जिले के बिश्रामगंज में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर वाहनों के आवागमन को अवरुद्ध कर दिया और इस कारण अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस सड़क पर फंसने के कारण दो महीने के एक बीमार बच्चे की मौत हो गई जबकि त्रिपुरा के तीन स्थानों पर 11 घंटे के बंद के दौरान झड़पों में लगभग 40 लोग घायल हो गए.

सेपाहीजला जिले के बिश्रामगंज में पुलिस ने चलाई गोली

सेपाहीजला जिले के बिश्रामगंज में झड़प में शामिल लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी.

बिश्रामगंज में झड़प में लगभग 15 लोग घायल हो गए.

पुलिस ने बताया कि जब यह घटना हुई तब बीमार बच्चे को बेहतर इलाज के लिए गोमती जिले के उदयपुर से धलाई जिले में अंबासा ले जाया जा रहा था.

त्रिपुरा : आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच हिंसा

इसके अलावा उत्तरी त्रिपुरा जिले के कंचनपुर और धलाई जिले के मनुघाट बाजार में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच हिंसा हुई.

इन तीन क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश लागू किये गये है.

उत्तरी त्रिपुरा जिले के आनंदबाजार क्षेत्र में एक आदिवासी गांव में बड़ी संख्या में बंद समर्थक घुस गये और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया जिस वजह से कई ग्रामीणों को स्थानीय पुलिस थाने में शरण लेनी पड़ी.

कंचनपुर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अभेदानंद बैद्य ने कहा, ”झड़प में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के छह जवान और कम से कम 15 ग्रामीण घायल हो गये.”

पुलिस ने बताया कि धलाई जिले के मनुघाट में बंद समर्थकों और दुकानदारों के बीच झड़प में कम से कम चार लोग घायल हो गये.

अरुणाचल प्रदेश में सभी संस्थान बंद

अरुणाचल प्रदेश में ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन (आप्सू) द्वारा बंद बुलाए जाने के बाद शैक्षणिक संस्थान, बैंक, कारोबारी प्रतिष्ठान, बाजार बंद रहे. इसके अलावा निजी और सरकारी वाहन सड़कों से नदारद रहे.

अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में बंद के दौरान उपस्थिति शून्य रही. यह बंद सुबह पांच बजे से था.

पुलिस अधीक्षक तुम्मे अमो ने बताया कि ईटानगर में राष्ट्रीय राजमार्ग-415 पर प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय जाने वाले लोगों पर पथराव किया और टायर जलाये.

मणिपुर में पूर्ण बंदी

मणिपुर में इस विधेयक के विरोध में अखिल मणिपुर छात्र संघ (एएमएसयू) ने राज्य में सुबह तीन बजे से शाम छह बजे तक पूर्ण बंद रखा.

नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन (एनईएसओ) में शामिल खासी स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) द्वारा विधेयक के विरोध में किए गए बंद के आह्वान के चलते मेघालय में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा.

अधिकारियों ने बताया कि दुकानों, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे, जबकि शैक्षणिक और वित्तीय संस्थान पूरे दिन बंद रहे.

पूर्वी खासी हिल्स के जिला उपायुक्त एम डब्ल्यू नोन्गबरी ने  बताया कि राज्य की राजधानी में टायरों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ की घटनाओं की जानकारी मिली है. मावलाई इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक गाड़ी को नुकसान पहुंचाया.

अधिकारियों ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस और सीआरपीएफ बलों को तैनात किया गया है.

लोकसभा में नौ नवंबर की रात इस विधेयक को सात घंटे से भी अधिक समय तक चली बहस के बाद पारित किया गया.

नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.


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