मोदी बायोपिक का बीजेपी से कोई संबंध नहीं: फिल्म निर्माता


SC refuses to interfere with the EC order banning release of biopic PM Narendra Modi

 

‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म के निर्माताओं ने चुनाव आयोग (ईसी) के नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि फिल्म का बीजेपी के साथ कोई संबंध नहीं है. निर्माताओं ने आयोग को भेजे जवाब में साफ किया है कि फिल्म बनाने में उन्होंने अपने निजी पैसे का इस्तेमाल किया गया है.

फिल्म निर्माता आनंद के पंडित, संदीप सिंह, मनीष आचार्या और सुरेश ओबेरॉय के वकील हितेश जैन  ने आयोग से कहा है कि उन्हें फिल्म निर्धारित समय पर रिलीज करने दी जाए. जैन ने बताया कि “सार्वजनिक आयोजनों, फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से मेरे क्लाइंट्स को राजनीतिक पार्टी से जोड़ा जा रहा है, लेकिन यह आरोप तथ्यातमक और कानूनी तौर पर गलत हैं.”

दिलचस्प ये है कि ‘परिणाम लॉ एसोसिएट’ में पार्टनर हितेश जैन ‘ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन’ के निदेशक हैं और शेयरधारक हैं. यह कंपनी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिखी गई किताब ‘एग्जाम वॉरियर’ की टेक्नोलॉजी और नॉलेज पार्टनर है.

कारपोरेट कार्य मंत्रालय के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, जैन ने 31 मार्च, 2018 को कंपनी में 50 प्रतिशत शेयर्स खरीदे थे. इस साल 2 मार्च को ब्लूक्राफ्ट ने ‘मन की बात’ नामक किताब का भी प्रकाशन किया था. यह किताब प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो प्रोग्राम मन की बात का लिखित दस्तावेज है. इससे पहले कंपनी ने ‘मन की बात’ किताब का पहला भाग साल 2017 में प्रकाशित किया था.

इसके साथ पिछले साल पीएम मोदी का योगा इंटरव्यू भी कंपनी ने ही प्रकाशित किया था.

जैन ने कंपनी के संबंध में कहा कि “वो एक स्वतंत्र वकील हैं, जो हर तरह के केस लड़ते हैं. कंपनी का सरकार के साथ कोई संबंध नहीं है.”

जैन ने आयोग को बताया कि “राजनीतिक नेताओं पर आधारित इस व्यवसायिक फिल्म को अगर प्रोपेगेंडा के तौर पर देखा जाता है तो इस देश में राजनीतिक नेताओं पर आधारित हर फिल्म को  प्रोंपेगेंडा ही कहा जाएगा.”

फिल्म निर्माताओं ने कहा, फिल्म में नरेंद्र मोदी का किरदार निभा रहे विवेक ऑबरॉय के विचार बीजेपी से मिल सकते हैं. अगर ये फिल्म एक निर्धारित समय में तैयार होकर रिलीज की जा रही है तो इसका ये मतलब नहीं कि ये फिल्म कोई राजनीतिक प्रोपेगेंडा है.

उन्होंने कहा कि हमने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से फिल्म के प्रचार करने के लिए मदद मांगी थी, क्योंकि फिल्म में एक चरित्र अमित शाह पर भी आधारित है और हम चाहते थे कि फिल्म अच्छी कमाई करे.

उन्होंने कहा कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और फिल्म को 5 अप्रैल को निर्धारित तारीख पर रिलीज करने की इजाजत दी जानी चाहिए.

निर्माताओं के मुताबिक, फिल्म चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती है. उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान आत्मकथाओं का प्रकाशन किया जा सकता है तो बायोपिक के प्रदर्शन पर रोक क्यों लगाई जानी चाहिए.


ताज़ा ख़बरें