कांग्रेस को घेर रही मोदी सरकार ने खुद अरुणाचल से हटाया AFSPA
कांग्रेस को अपने घोषणा पत्र में अफस्पा और देशद्रोह कानून की समीक्षा करने की बात जोड़ने के मुद्दे पर घेर रही मोदी सरकार ने खुद अरुणाचल प्रदेश के नौ में से तीन जिलों से आंशिक रूप से अफस्पा हटा लिया है.
प्रदेश के जिन जिलों से अफस्पा हटाया गया है, उसमें पश्चिम कामेंग जिले के बालेमू और भालुकपोंग क्षेत्र, पूर्वी कामेंग जिले का सेइजोसा क्षेत्र और पापुमपारे जिले का बालीजान क्षेत्र शामिल हैं.
गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि हालांकि तिराप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों, नामसाई जिले के नामसाई और महादेवपुर थानों के तहत आने वाले क्षेत्रों, लोअर दिबांग घाटी जिले के रोइंग और लोहित जिले के सुनपुरा क्षेत्र में यह कानून 30 सितंबर तक लागू रहेगा.
सुरक्षा बलों को अतिरिक्त शक्तियां देने वाले सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून पर केंद्र सरकार का यह दोहरा रवैया तब सामने आया है जब वह खुद इस कानून में ढील देने के कांग्रेस के वादे पर तीखे सवाल खड़े कर रही है.
गृह मंत्रालय का तर्क है कि उसने कानून की धारा 3 के प्रावधानों के तहत प्रदेश के तीन जिलों से अफस्पा हटाया है. सवाल यही है कि अगर केंद्र सरकार कानून के मौजूदा प्रावधानों का इस्तेमाल कर उसमें ढील दे सकती है तो किस आधार पर वह कानून की समीक्षा करने की मांग पर सवाल उठा रही है? ये दीगर है कि अफस्पा में जोड़ी गई धारा 3 भी इस कानून की कालांतर में हुई समीक्षा का ही नतीजा है.
असल में बीजेपी अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक के मुद्दे पर लगातार विरोध का सामना कर रही है. ऐसे में कानून में ढील देना उसकी राजनीतिक मजबूरी भी है. हालांकि अफस्पा कानूनों पर वैसे भी उसकी समझ पारंपरिक रूप से बहुत तंग रही है. कांग्रेस को घेरते समय वह अपनी इसी समझ का परिचय दे रही है. लेकिन इससे कानून को लेकर उसका दोहरा नजरिया और खुलकर सामने आ रहा है.