मोदी सरकार आर्थिक सुधारों की जगह हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे को जारी रख सकती है: रिपोर्ट
ब्रिटेन की इकॉनसमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट (ईआईयू) का अनुमान है कि मोदी सरकार आर्थिक नरमी के बाद भी सुधारों पर ध्यान ना देकर हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे को आगे बढ़ाना जारी रख सकती है.
उसने एक रिपोर्ट में कहा, ”लंबे समय से जारी आर्थिक नरमी के बाद भी सरकार शायद ही बड़े आर्थिक सुधारों पर अमल करे. भारतीय जनता पार्टी अलोकप्रिय आर्थिक सुधारों के बजाय लोकप्रिय हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे को आगे बढ़ाना जारी रख सकती है, क्योंकि वह कुछ राज्यों में हालिया खराब प्रदर्शन से उबरना चाहती है.”
उसने कहा कि जिन राज्यों में विपक्षी दल सत्ता में हैं, वे राज्य केंद्र सरकार की बड़ी परियोजनाओं की राह में रोड़े अटका सकते हैं. इसका देश की आर्थिक वृद्धि पर गलत असर पड़ने की आशंका है.
संगठन ने कहा कि बीजेपी से जुड़े कुछ संगठनों समेत कई राष्ट्रवादी संगठन लंबे समय से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग करते आए हैं. मई 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद सरकार ने एकमात्र मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में फैसला दिया है.