मुंबई में फुटओवर पुलों की हालत पर दायर याचिका की सुनवाई करेगा हाई कोर्ट


mumbai high court to hear petition on mumbai footover bridge collapse incident

 

मुंबई में 14 मार्च को हुए पुल हादसे में 34 लोग घायल हो गए थे. फुटओवर पुलों की खराब स्थिति को देखते हुए हाई कोर्ट ने 15 मार्च को एक अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि वो महानगर में फुटृओवर पुलों की ‘खराब’ स्थिति के मुद्दे पर एक याचिका पर 22 मार्च को सुनवाई करेगा.

याचिकाकर्ताओं में से एक प्रदीप भालेकर के वकील नितिन सत्पुते ने हाई कोर्ट का रुख कर याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की.

भालेकर ने एल्फिनस्टोन रोड उपनगर रेलवे स्टेशन में भीड़भाड़ वाले फुट ओवरब्रिज पर भगदड़ के बाद सितंबर 2017 में याचिका दायर की थी. इस हादसे में 31 लोगों की मौत हो गई थी.

भालेकर ने अपनी याचिका में संबंधित अधिकारियों को शहर में सभी फुटओवर पुलों का सर्वेक्षण करने के लिए एक विशेष समिति गठित करने और अगर वे जर्जर या खतरनाक स्थिति में पाए गए तो उनकी मरम्मत का काम करने के निर्देश देने की मांग की थी.

याचिका ठीक उस हादसे के एक दिन बाद आई जब 14 मार्च की शाम को दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन के समीप एक फुट ओवरब्रिज गिरने से छह लोगों की मौत हो गई. और 34 अन्य घायल हो गए थे.

बीएमसी के कमिशनर अजय मेहता ने सतर्कता विभाग को 24 घंटे के भीतर एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. जिससे घटना के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिटर और जिम्मेदार नगरपालिका कर्मचारियों की पहचान हो सके.

जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच 22 मार्च को मामले पर सुनवाई के लिए राजी हो गई है.


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