नगालैंड में भी तैयार होगा असम की तर्ज पर नागरिक रजिस्टर


assam govt published new additional exclusion list on nrc

 

अब नगालैंड सरकार भी असम में अपडेट किए जा रहे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की तर्ज पर राज्य में अवैध ढंग से रह रहे नागरिकों का पता लगाने के लिए अपना नागरिक रजिस्टर तैयार करेगा. नगालैंड सरकार में गृह विभाग के कमिशनर आर. रामकृष्ण ने एक अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी है.

उन्होंने बताया कि ‘नगालैंड के स्थानीय निवासी रजिस्टर’ नाम से बनने वाले इस रजिस्टर का मकसद नगालैंड के स्थानीय निवासियों की सूची तैयार करने के साथ-साथ अवैध ढंग से रह रहे लोगों के निवास प्रमाण-पत्रों की जांच करना है. इसके लिए आधिकारिक टीमें 10 जुलाई से हर एक गांव और वार्ड में जाकर काम करेंगी. इसी महीने के आखिर में असम एनआरसी की अपनी अंतिम सूची प्रकाशित करेगा. नगालैंड में इस रजिस्टर को तैयार करने का काम गृह विभाग के कमिश्नर की देख-रेख में महज 2 महीने के भीतर पूरा किया जाना है.

आर. रामकृष्ण के अनुसार रजिस्टर की सूची नगालैंड के स्थानीय निवासियों पर सर्वेक्षण करने के बाद तैयार की जाएगी. हर गांव और हर वार्ड में रहने वाले वाले लोगों के आधिकारिक रिकॉर्ड के आधार पर सूची तैयार की जाएगी. यह काम जिलाधिकारी की देख-रेख में होगा.

इस मामले में राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सभी डिप्टी कमिशनरों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अधिसूचना जारी होने के हफ्ते के भीतर सभी टीमों को गठित किया जाए. उन्होंने गठित टीमों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने और इसकी जानकारी ग्राम सभा अध्यक्षों, ग्राम विकास बोर्ड सचिवों, वार्ड अधिकारों और गैर-सरकारी संगठनों, ट्राइबल होहोज आदि को देने की बात भी कही. होहो प्रत्येक नगा समूह का शीर्ष निकाय होता है.

सर्वेक्षण के लिए गई टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक घर में जाकर वहां रह रहे लोगों की सूची तैयार करें. प्रत्येक परिवार के सदस्यों को उनके मूल निवास के गांव में सूचीबद्ध किया जाएगा. किसी दूसरी जगह रहने वाले व्यक्ति के नाम का उल्लेख करना भी जरूरी होगा.

सूची में ‘स्थायी निवास’ और ‘वर्तमान निवास’ का उल्लेख होगा. इसके साथ-साथ आधार नंबर को रिकॉर्ड किया जाएगा. सर्वेक्षण पूरा होने के बाद यह सूची प्रत्येक गांव और वार्ड में प्रकाशित की जाएगी. जिला प्रशासन की निगरानी में इसे ग्राम और वार्ड अधिकारी प्रमाणित करेंगे. हर सूची पर उससे जुड़ी टीम को हस्ताक्षर करना होगा. साथ ही ग्राम और वार्ड अधिकारियों को भी हस्ताक्षर करना होगा.

अस्थाई सूची 11 सितंबर को ग्राम और वार्ड के साथ-साथ जिला और राज्य सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी. अस्थाई सूची के जारी होने के बाद से 10 अक्टूबर तक लोगों को इससे जुड़ी शिकायतों को दूर करने का समय दिया जाएगा. जिला कमिशनर आधिकारिक रिकॉर्ड और सबूतों को देखने के बाद मामले में कोई फैसला देंगे. अंतिम सूची तैयार करने से पहले शिकायतकर्ताओं को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. साथ-साथ वहां के मूल निवासियों को एक विशिष्ट पहचान पत्र दिया जाएगा.

अधिकारियों का कहना है कि रजिस्टर तैयार करने की प्रक्रिया 10 दिसंबर तक या उससे पहले पूरी हो जाएगी. इसके बाद अंतिम सूची जिला और राज्य स्तर पर प्रकाशित होने के साथ-साथ हर ग्राम और वार्ड को दी जाएगी.

इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसी को वहां के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा. केवल वहां के मूल निवासी की संतान होने पर उसे जन्म प्रमाण पत्र के साथ स्थानीय निवास प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा. इसके साथ ही रजिस्टर के डेटाबेस में भी इसे दर्ज किया जाएगा.”


Big News