नाटो ने रूस के साथ परमाणु संधि से हटने पर अमेरिका का समर्थन किया


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नाटो ने रूस के साथ परमाणु संधि से हटने के अमेरिकी फैसले का समर्थन किया है.

नाटो का यह बयान साल 1987 में हुए मध्य दूरी के परमाणु मिसाइलों(आईएनएफ) समझौते से अमेरिका के हटने के बाद आया है.

अमेरिका का इस संधि से हटने की वजह रूस का नया क्रूज मिसाइल 9M729 है. अमेरिका के मुताबिक रूस का यह मिसाइल 1987 की परमाणु संधि के खिलाफ है.

अमेरिका ने इससे पहले रूस को 60 दिनों के भीतर दो फरवरी तक मिसाइल नष्ट करने को कहा था. लेकिन रूस ने अमेरिका के आरोप को नकारते हुए मिसाइल नष्ट करने से मना कर दिया था.

रूस के मुताबिक 9M729 की क्षमता 480 किलोमीटर है जो मध्य दूरी के परमाणु मिसाइल की श्रेणी में नहीं आता है. वहीं अमेरिका का मानना है कि इसकी मारक क्षमता 2600 किलोमीटर है.

आईएनएफ समझौते के मुताबिक 500 से 5500 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाले बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल का उत्पादन, परीक्षण और इस्तेमाल दोनों पक्षों के लिए मना है.

आलोचकों का कहना है कि अमेरिका का यह कदम पहले से ही तय था. क्योंकि इस संधि के मौजूदा रूप में अमेरिका की कोई दिलचस्पी नहीं थी. शीत युद्ध के वक्त की यह संधि अमेरिका को बांधती है.

ऐसा माना जा रहा है कि अब यूरोप में भी शस्त्रीकरण को लेकर दौड़ शुरू हो सकती है.

जर्मनी के शांति कार्यकर्ताओं के मुताबिक अब जर्मनी में भी शस्त्रीकरण को लेकर होड़ शुरू हो सकती है.


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