NCDRC ने सहारा डेवलपर्स को खराब सेवा देने का दोषी पाया


ncdrc holds sahara developers guilty of deficient services directs to pay compensation refund

 

सहारा डेवलपर्स को ‘सेवा अभाव’ का दोषी पाते हुए शीर्ष उपभोक्ता आयोग एनसीडीआरसी ने उन्हें निर्देश दिया है कि वह एक खरीददार को ‘मानसिक यंत्रणा’ और ‘वित्तीय क्षति’ के लिए दो लाख रुपये का मुआवजा दे.

मुआवजा के साथ-साथ आयोग ने कहा कि मकान देने में 10 साल की देरी के लिए 4.06 लाख रुपये भी वापस दे. मुआवजा और धन वापसी के अलावा एनसीडीआरसी ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड को अलवर की रहने वाली तपस्या पलावत को 4.06 लाख रुपये की राशि पर 10 फीसदी ब्याज भी देने को कहा है.

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) ने डेवलपर्स को पलावत को मुकदमे का खर्चा भी 25,000 रुपये देने को कहा है. पलावत ने 10 फरवरी, 2006 को सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड में एक फ्लैट बुक कराया था और 4.06 लाख रुपये की राशि जमा की थी.

महिला की शिकायत के मुताबिक उन्होंने घर हासिल करने के लिए लगातार डेवलपर्स से बातचीत की और उन्हें आश्वासन मिलता रहा कि उनका मकान बन रहा है. अगस्त, 2009 में उन्हें घर आवंटित किया गया लेकिन वह इस दौरान बीमार पड़ गईं और ठीक होने के बाद उनसे कहा गया कि उनका आवंटन रद्द कर दिया गया है. पलावत ने बाकी राशि अदा करने की इच्छा भी जताई ताकि उन्हें घर मिल सके लेकिन डेवलपर ने वह भी मना कर दिया.

राजस्थान उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग ने भी महिला को एक लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया है.


ताज़ा ख़बरें