अब NCLAT से अनिल अंबानी को झटका


Anil Ambani's Reliance group withdraws defamation suit

 

एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समयसीमा समाप्त होने से कुछ दिन पहले आरकॉम समूह और अनिल अंबानी को अब राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से झटका लगा है.

शुक्रवार को  न्यायाधिकरण ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 259 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया. कंपनी इस राशि के जरिये एरिक्सन को भुगतान करना चाहती है.

एनसीएलएटी ने कहा कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.

उच्चतम न्यायालय ने आरकॉम समूह को एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये चार सप्ताह में 19 मार्च तक चुकाने को कहा था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि समूह ऐसा करने में विफल रहता है तो अनिल अंबानी को जेल जाना पड़ेगा.

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय और सदस्य (न्यायिक) न्यायमूर्ति बंसी लाल भट्ट की पीठ ने कहा, ‘‘दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता की धारा 61 के तहत दायर अपील में किसी भी पक्ष को निपटान के बारे में निर्देश नहीं दिया जा सकता. विशेष रूप से तीसरे पक्ष को ऐसा करने को नहीं कहा जा सकता जिससे अन्य पक्षों के बीच निपटान हो सके.’’

पीठ ने कहा कि इस बारे में मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. एनसीएलएटी उच्चतम न्यायालय द्वारा कोई आदेश पारित किए जाने तक 30 मई, 2018 के अंतरिम आदेश को हटा नहीं रहा है और न ही किसी राशि को वापस करने के बारे में कोई अंतरिम आदेश जारी कर रहा है.

रिलायंस कम्युनिकेशंस ने एनसीएलटी के समक्ष अपील दायर कर एसबीआई को आयकर रिफंड की 259.22 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया था.

एसबीआई और अन्य ऋणदाताओं ने आरकॉम के इस कदम का विरोध किया.

आरकॉम के वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि कंपनी एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए शेष राशि कर्ज लेगी. आरकॉम पहले ही एरिक्सन को 118 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है.


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