एनसीपी विधायक मुंडे ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामलों को वापस लेने की मांग की


ncp legislator urge to roll back case related to bhima koregaon violence

 

एनसीपी नेता और विधायक धनंजय मुंडे ने पुणे में कोरेगांव-भीमा हिंसा से संबंधित मामलों को वापस लिए जाने की मांग की है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाणार रिफाइनरी परियोजना और आरे मेट्रो कारशेड प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिए जाने की घोषणा की थी. इस घोषणा के कुछ दिन बाद मुंडे ने यह मांग की.

भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित ‘एलगार परिषद’ के सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषण के एक दिन बाद एक जनवरी, 2018 को पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसा हो गई थी.

ठाकरे को लिखे पत्र में मुंडे ने दावा किया कि राज्य की पिछली देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत कोरेगांव-भीमा घटनाक्रम में शामिल लोगों के खिलाफ ”झूठे” मामले दर्ज किए थे.

मुंडे ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को ”प्रताड़ित” किया था और उनमें से कई को ”शहरी नक्सली” बताया था.

उन्होंने ठाकरे को लिखे एक पत्र में कहा, ”मैं मामलों को वापस लेने का अनुरोध करता हूं.”

एलगार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले के सिलसिले में पुणे पुलिस द्वारा कुछ कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) समेत नक्सली संगठनों से संबंध होने के आरोप लगाए थे.

इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैर कानूनी गतविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किये गए थे.


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