लंदन: जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अभूतपूर्व प्रदर्शनों में 300 लोग गिरफ्तार


after weeks of protest UK declare climate emergency

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लंदन में जारी जलवायु परिवर्तन प्रदर्शनों के दौरान करीब 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

लंदन के मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि मंगलवार शाम तक 290 लोगों को गिरफ्तार किया गया. एडिनबर्ग में प्रदर्शन के दौरान 29 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को कानून और व्यवस्था का पालन नहीं करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है.

प्रदर्शनकारियों ने 15 अप्रैल को सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करते हुए लंदन सेंट्रल में पुल और प्रमुख सड़क चौराहों को जाम कर दिया था. यूरोप के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

आयोजकों के अनुसार, फिलहाल 33 देशों और 80 से ज्यादा शहरों में एक साथ प्रदर्शन किए जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे 29 अप्रैल तक लंदन में बंद जारी रखना चाहते हैं.

प्रदर्शन के दौरान लंदन स्थित शैल सेंटर बिल्डिंग का एक शीशा टूट गया, साथ-साथ बिल्डिंग की दीवारों को भी रंगा गया. इस दौरान करीब हजार लोग सेंट्रल लंदन में वाटरलू ब्रिज पर जमा हो गए. जिसके बाद उन्होंने हाइड पार्क में कैंप लगाए, ताकि आने वाले दिनों में प्रदर्शन को लेकर आगे की रणनीति बनाई जा सके.

‘इक्स्टिंगशन रिबेल्यन’ नामक संगठन ने इन प्रदर्शनों का आयोजन किया है. पिछले साल कुछ शिक्षाविदों ने ब्रिटेन में इस समूह का गठन किया था और यह विश्व के सबसे तेजी से बढ़ने वाला पर्यावरणीय अभियानों में से एक बन गया है.

संगठन अपनी स्थापना के बाद से ही पर्यावरणीय मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहा है.

प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख तौर पर तीन मांगें रखी हैं: पहली, सही स्थिति स्पष्ट करते हुए जलवायु और पारिस्थितिकीय आपातकाल लगाया जाए. वहीं दूसरी मांग है कि साल 2025 तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन शून्य तक घटाया जाए. तीसरी मांग है कि जलवायु और पारिस्थितिकीय मुद्दे पर परिषद का गठन किया जाए.

संगठन के प्रवक्ता जेम्स फॉक्स ने बताया कि पुलिस की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने से पहले प्रदर्शनकारियों ने सेंट्रल लंदन में चार प्रमुख जगहों पर प्रदर्शन जारी रखने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, हम प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक सरकार हमारी बातें नहीं सुनती.

उन्होंने कहा, “हम आने वाले भविष्य को देखते हुए और मौजूदा समय में लोगों का ध्यान पर्यावरण मुद्दों की ओर खींचने के लिए अपने प्रदर्शनों से आम जन-जीवन में खलल पैदा कर रहे हैं.”

खबरों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों से यातायात काफी हद तक प्रभावित हुआ है, जिससे करीब पांच लाख से भी ज्यादा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


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