नेपाल ने ‘येति’ की मौजूदगी का खंडन किया


Nepal dismisses Indian Army's claim over Yeti

 

नेपाल के अधिकारियों ने इंडियन आर्मी के हिमालय में विशालकाय पैरों के निशान को हिम मानव की मौजूदगी बताने वाले बयान का खंडन किया है.

बीते सोमवार को इंडियन आर्मी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस बात की जानकारी दी गई थी. इसके साथ ही कथित हिम मानव के पैरों के निशान की फोटो भी शेयर की गई थी.

ट्वीट में यह भी दावा किया गया था कि हिम मानव को इससे पहले केवल नेपाल के हिमालयी क्षेत्र के मकालू-बरुन नेशनल पार्क में देखा गया था. बर्फ पर पैरों के निशान 32×15 इंच तक के थे.

सेना ने ट्वीट में कहा था, “पहली बार इंडियन आर्मी ने 09 अप्रैल, 2019 को मकालू बेस कैंप के करीब 32×15 इंच वाले हिम मानव के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे.”

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना के साथ जाने वाले स्थानीय पोर्टर्स, क्षेत्र के स्थानीय लोग और नेपाल सेना के अधिकारी ने भारतीय सेना के दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के पदचिह्न उस क्षेत्र में अक्सर दिखाई देते हैं. यह एक जंगली भालू के पैरों के निशान हैं.

नेपाल सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल बिज्ञान देव पांडे ने अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “भारतीय सेना की एक टीम ने पैरों के निशान देखे थे. और हमारी संपर्क टीम उनके साथ थी. हमने इस तथ्य का पता लगाने की कोशिश की. स्थानीय लोगों और पोर्टरों ने दावा किया कि यह जंगली भालू के पैरों के निशान हैं जो अक्सर उस क्षेत्र में दिखाई देते हैं.”


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