देश में लिंगानुपात हुआ बेहतर, जन्म और मृत्यु दर में भी कमी


survey shows decline in sex ration over three years in india

 

केन्द्रीय स्वास्थ्य आसूचना ब्यूरो (सीबीएचआई) के नेशनल हेल्थ प्रोफाइल (एनएचपी) 2019 के मुताबिक देश में लिंगानुपात बेहतर हुआ है और साथ ही जन्म और मृत्यु दर में कमी आई है.

द हिंदू की खबर के मुताबिक एनएचपी के आंकड़े दर्शाते हैं कि देश के 12 राज्यों में कुल प्रजनन दर (एक महिला के जीवन काल में उसको होने वाले बच्चों की औसत संख्या) प्रति महिला दो बच्चों से कम रही.

एनएचपी पूरे देश में जनसांख्यिकी, सामाजिक-आर्थिक स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी स्थिति, स्‍वास्‍थ्‍य वित्‍त के संकेतकों, स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और मानव संसाधनों के स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित व्‍यापक जानकारियों को कवर करती है.

इसके मुताबिक देश में लिंगानुपात (प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या) 2001 में 933 से बढ़कर 2011 में 943 हो गया. ग्रामीण इलाकों में लिंगानुपात 946 से बढ़कर 949 हो गया.

रिपोर्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्र में लिंगानुपात 29 अंक बेहतर होकर 929 रहा. केरल का लिंगानुपात सबसे अधिक (1084) रहा, जबकि चण्डीगढ़ का लिंगानुपात सबसे कम (690) रहा. रिपोर्ट में पाया गया कि जन्म दर, मृत्यु दर और जनसंख्या की विकास दर में गिरावट आ रही है.

अनुमानित जन्म दर साल 2000 में 25.8 से घटकर 2016 में 20.4 रही. इसी दौरान मृत्यु दर प्रति 1000 लोगों पर 8.5 से गिरकर 6.4 रही. जनसंख्या वृद्धि दर 2000 में 17.3 से घटकर 2016 में 14 रही.

रिपोर्ट के मुताबिक देश के 12 राज्यों में कुल प्रजनन दर (एक महिला के जीवन काल में होने वाले बच्चों की औसत संख्या) प्रति महिला दो बच्चों से कम रही. अन्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में दिल्ली, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में प्रजनन दर सबसे कम रही.

देश में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) का प्रकोप संक्रमित बीमारियों की तुलना में अधिक रहा.

एनएचपी की रिपोर्ट में सार्वजनिक क्षेत्र में डॉक्टरों आदि की उपलब्धता पर भी व्यापक आंकड़े पेश किए गए हैं. 2018 तक देश में 11,54,686 पंजीकृत एलौपेथिक डॉक्टर थे.

केंद्र/राज्य डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकृत डेंटल सर्जन की संख्या 2,54,283 है. आंकड़े बताते हैं कि 2007 और 2018 के बीच केंद्र/राज्य डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ पंजीकृत हुए डेंटल सर्जन की संख्या में अच्छा-खासा उछाल आया है.

रिपोर्ट के मुताबिक एक जनवरी 2018 तक देश में पंजीकृत आयुष डॉक्टरों की संख्या 7,99,879 है.


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