बेस्ट कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लिया


 

बेस्ट के लगभग 32 हजार कर्मचारियों ने नौ दिन से चल रही हड़ताल को वापस ले लिया है. कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल बाम्बे हाई कोर्ट के निर्देश के बाद वापस लिया है.

बेस्ट के 32 हजार से अधिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आठ जनवरी से हड़ताल पर थे. उनकी मांगो में वेतन में बढोत्तरी, निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन में सुधार और नुकसान में चल रही बेस्ट के बजट का बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के बजट के साथ विलय शामिल हैं.

15 जनवरी को बाम्बे हाई कोर्ट ने बेस्ट कर्मचारी संघ को हड़ताल वापस लेने पर अंतिम निर्णय लेने और 16 जनवरी तक अदालत को सूचना देने का निर्देश दिया था.

इस मामले को सुनते हुए बाम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पाटिल ने कहा, ‘‘हड़ताल होनी ही नहीं चाहिए थी. हालात इतने नहीं बिगड़ने चाहिए थे. बेस्ट प्रबंधन और बीएमसी को बेस्ट कर्मचारियों की बात पर ध्यान देना चाहिए. कम वेतन के साथ परिवारों का भरण पोषण करना आसान नहीं है. कोई भी कर्मचारी यह नहीं कहेगा कि वह अपनी नौकरी या वेतन से संतुष्ट है. हम सभी एक ऐसी प्रणाली का हिस्सा है जिसके लिए लगातार काम करते रहने की जरूरत है.’’

अदालत ने वकील दत्ता माने की याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात कही. याचिका में हड़ताल को अवैध करार दिए जाने और समाप्त करने का आदेश देने की मांग की गई थी.

बेस्ट के वकील एमपी राव ने पीठ को बताया कि प्रबंधन इस साल जनवरी से अपने कर्मचारियों के लिए 10 चरण में वेतन वृद्धि लागू करने को तैयार है. लेकिन हड़ताल वापस लिए जाने पर ही इसे लागू किया जाएगा.

वहीं बेस्ट कर्मचारी 20 चरणीय वेतन वृद्धि की मांग कर रहे है.

फिलहाल 10 चरणीय वेतन वृद्धि को लेकर बेस्ट के कर्मचारी और प्रबंधन के बीच सहमति हो गई है. यह घोषणा बेस्ट कर्मचारी संघ ने हड़ताल वापस करते हुए की है.

अब बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (बेस्ट) के कर्मचारी, उसका प्रबंधन और अन्य संबंधित पक्ष विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का रास्ता अपनायेंगे.

बेस्ट कर्मचारी संघ की वकील नीता कार्णिक ने कहा, ‘‘हम एक ऐसा स्वतंत्र मध्यस्थ चाहते हैं जिसे श्रमिक कानूनों की जानकारी हो. हम चाहते हैं कि हाई कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज को मध्यस्थ नियुक्त किया जाए.’’

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एनएच पाटिल और जस्टिस एनएम जामदार की खंडपीठ ने इस पर सहमति जताई और दोनों पक्षों से नाम का सुझाव देने को कहा.

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मध्यस्थ 20 चरणीय वेतन वृद्धि, बेस्ट एवं बीएमसी के बजट का विलय और इसी प्रकार की अन्य मांगों पर तीन महीने के समय में चर्चा करेगा.’’

बेस्ट संघ और उसका प्रबंधन मध्यस्थ के तौर पर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एफ आई रेबेलो के नाम पर सहमत हो गए हैं.

यह हड़ताल बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (बेस्ट) के इतिहास में अब तक की सबसे लंबी हड़ताल है.

हालांकि राज्य सरकार ने हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एमईएसएमए) लगा दिया था. लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की थी.


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