नोएडा: चारा नहीं मिलने के चलते 200 गायों की मौत
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में एक गोशाला में पिछले एक महीने में 200 गायों की मौत हो गई है. मौत की वजह खराब सेहत और कुपोषण बताई गई है. इनमें ज़्यादातर गाय बाहर से लाईं गईं थीं. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक शेल्टर कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उनके पास चारा खरीदने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है.
तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को आवारा गायों को गोशालाओं में पहुंचाने का आदेश दिया था.
गोलोक गोशाला के कर्मचारियों के मुताबिक हर दिन तीन से चार गायों की मौत हो रही है.
शेल्टर हाउस में 1200 गायों को रखा गया है. इनमें 800 गायों को एक जनवरी से सात मार्च के बीच ग्रेटर नोयडा इंडस्ट्रीयल डेवलवमेंट ऑथरिटी (जीएनआईडीए) की ओर से भेजा गया है.
इकोटेक 3एस स्थित इस गोशाला की स्थापना करीब 10 साल पहले जीएनआईडीए के द्वारा की गई थी. साल 2017 के बाद से इसकी देखरेख गो रस फाउंडेशन के जिम्मे है.
यहां के कर्मचारी नागेन्द्र कुमार कहते हैं, “कर्मचारियों के द्वारा बेहतरीन देख-रेख के बावजूद गायों की मौत हुई है. गाय की देख-रेख के लिए 26 कर्मचारियों को रखा गया है. मरने वाले ज्यादातर आवारा पशु थे. ये जानवर बाहर से लाए गए थे और दूसरे जानवर के साथ लड़ाई में घायल हो गए थे. इनमें कई जानवर पहले से बीमारियों से ग्रसित थे.”
वह कहते हैं कि शेल्टर में मौजूद 65 फीसदी गायों को जीएनआईडीए की ओर पिछले दो महीनों में भेजा गया है, बावजूद इसके कोई फंड जारी नहीं किया गया है.
वह कहते हैं, “दो महीने पहले शेल्टर में केवल 450 गायें थी और हम रोजाना 2,800 किलो चारे की खपत करते थे. लेकिन जानवरों की संख्या बढ़ने के बाद चारे की खपत 7,000 किलो हो गई है. सिवाय व्यक्तिगत दान के अलावा हमें जीएनआईडीए की ओर से पिछले तीन महीनों में कोई फंड नहीं मिला है. ऑथरिटी की ओर से पांच लाख देने का वादा किया गया था लेकिन वह अब तक नहीं मिला है.”
हालांकि जीएनआईडीए ने इन आरोपों को खारिज किया है और मौत की वजह को प्राकृतिक बताया है.
जीएनआईडीए के अतिरिक्त सीईओ दीप चंद ने कहा कि बीमारी की वजह से गायों की मौत हुई है. गाय का नियमित रूप से चेकअप होता है. सात मार्च को पांच लाख रुपये जारी किए गए हैं और शेल्टर को बढ़ाने के लिए 16 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई गई है.