असम एनआरसी: 40 लाख छूटे हुए लोगों में से 30 लाख ने किए फिर से आवेदन


last day of NRC application

 

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) में नाम दर्ज कराने के लिए दावा और आपत्तियां करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर को खत्म हो गई है. एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में छूट गए लगभग 40 लाख लोगों में 30 लाख लोगों ने दोबारा आवेदन कर दिया है.

पिछला ड्राफ्ट पांच महीने पहले प्रकाशित किया गया था. इसके साथ ही एनआरसी में शामिल 600 नामों पर आपत्ति दर्ज करवाई गई है.

25 सितंबर को जारी एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट  में 3.29 करोड़ आवेदकों में 40.07 लाख लोगों को शामिल नहीं किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन की अंतिम तारीख को 15 से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया था.

अधिकारियों का कहना है कि अंतिम तिथि तक पिछले ड्राफ्ट में छूट गए लगभग 75 प्रतिशत लोगों ने दोबारा आवेदन कर दिया है.

अंग्रेजी दैनिक द हिन्दू ने एक सामाजिक कार्यकर्ता एबी खांडेकर के हवाले से लिखा है कि केन्द्र सरकार की ओर से मानक प्रक्रिया में एक खास नियम में बदलाव के बाद आवेदकों की संख्या बढ़ी है. इस प्रावधान के चलते 31 अगस्त, 2015 के बाद जारी किए गए दस्तावेजों को एनआरसी की दावेदारी के लिए स्वीकार नहीं किया जा रहा था.

हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद कई लोगों को राहत तो मिली है, लेकिन उन्हें एक दूसरी समस्या का सामना करना पड़ा है. बहुत से  लोगों को अपने लिए नई पारिवारिक पहचान इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं मिली. इन लोगों के मूल आवेदन में दी गई पारिवारिक पहचान को अमान्य कर दिया गया था.

कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें निरक्षर और सेवा केंद्रों पर निर्भर लोगों ने ऐसी पहचान का प्रयोग किया, जिसे पहले से प्रयोग किया जा चुका था. इनमें कुछ मामलों में फर्जीवाड़ा भी सामने आया है. कुछ में तो कई लोगों ने एक ही निवास स्थान दर्ज कराया है.

पारिवारिक पहचान, 1951 की एनआरसी के तहत उसे दी गई है जिसका नाम 24 मार्च 1971 में प्रकाशित हुई मतदाता सूची में दर्ज है. इसमें कुछ अन्य पहचानें भी शामिल की गई हैं, जैसे रिफ्यूजी पंजीकरण प्रमाण पत्र.

दूसरी बार मौका नाम और आपत्तियां दर्ज कराने का मौका तो दिया गया है, लेकिन इसके लिए जरूरी जागरुकता के लिए किसी प्रकार का अभियान नहीं चलाया गया. इससे लोगों में भ्रम का माहौल रहा.

पूरी तरह से संशोधित सूची को जून 2019 में प्रकाशित किया जाना है. इससे पहले 2 जनवरी से 31 जनवरी 2019 के बीच सभी सेवा केंद्र खुले रहेंगे, जहां सुधार कार्य करवाए जा सकते हैं.


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