घरेलू दूरसंचार क्षेत्र में लगभग एक लाख नौकरियां जाने का खतरा
घरेलू दूरसंचार क्षेत्र में लगभग एक लाख नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है. सरकार के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को अबतक 20,000 करोड़ रुपये के बकाया के निकासी का रास्ता साफ नहीं हो पाया है.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में टेलीकॉम कमेटी और टेलिकॉम एक्सपोर्ट्स के सह अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. अगले कुछ हफ्तों में एक लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी चलेगी, अगर सरकार इसी तरह लगातार आर्थिक रूप से जूझती उद्योग को नजरअंदाज करती रही.’
उन्होंने आगे कहा कि 20,000 करोड़ रुपये का बकाया होने से इसका असर कंपनी के देश भर के संचालन पर पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए उद्योग को मिले राशि को खर्च कर दिया, लेकिन, उनके लिए निजी क्षेत्र में कार्यरत हजारों लोग चिंता का विषय नहीं है.’
बकाया राशि वसूलने के लिए बीएसएनएल के खिलाफ केंद्र सरकार की सार्वजनिक शिकायत प्रणाली पर 1,100 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं जो देश की किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के खिलाफ की गई है.
पिछले महीने कैबिनेट ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को वित्त संकट से निकालने के लिए 70,000 करोड़ रुपये की राशि देने का रास्ता साफ किया था.