ओएनजीसी का कैश रिजर्व न्यूनतम स्तर पर, नए तेल कुओं की खोज में बड़ी कटौती
पिछले छह साल में ओएनजीसी के द्वारा पेट्रोलियम कुओं की खोज पर होनेवाला खर्च आधा रह गया है. मार्च 2014 में 11,687 करोड़ की तुलना में मार्च 2019 में यह घटकर 6,016 करोड़ रह गया है.
देश में ओएनजीसी 60 फीसदी पेट्रोलियम का उत्पादन करता है. ओएनजीसी का कैश रिजर्व यानी नगदी और अन्य बैंक बैलेंस में आई कमी का प्रभाव भवन, प्रौद्योगिकी और संपत्ति के अधिग्रहण व रखरखाव में दिख रहा है.
मार्च 2019 में ओएनजीसी का नगदी बैलेंस न्यूनतम 504 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. मार्च 2018 में यह 1,103 करोड़, मार्च 2017 में 9,511 करोड़, मार्च 2016 में 9,957 करोड़ रुपये था. ओएनजीसी के द्वारा हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(एचपीसीएल) और गुजरात स्थित जीएसपीएल की खरीद के बाद ओएनजीसी की नगदी में कमी आई है.
आठ नवंबर को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार तेल कारोबार से निकलना चाहती है और उपभोक्ताओं के फायदे के लिए निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में प्रवेश देना चाहती है. उन्होंने कहा कि ‘व्यवसाय’ करना सरकार का काम नहीं है.