हमारी लड़ाई बीजेपी से है, तनवीर हसन से नहीं: कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई के उम्मीदवार होंगे. सीपीआई उजियारपुर में सीपीएम को और आरा में सीपीआई(एमएल) के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(सीपीआई) ने पटना में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में यह बात कही.
जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हमारी सीधी लड़ाई बीजेपी के साथ है तनवीर हसन के साथ नहीं है.
उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई आरजेडी से नहीं है. हमारी लड़ाई तनवीर हसन साहब से नहीं है. हमारी लड़ाई सीधे तौर पर गिरिराज सिंह और उनकी कट्टरवादी सोच से है. इस कट्टरवादी सोच के खिलाफ युवा जोश जीतेगा.”
सीपीआई के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी की ओर जारी उम्मीदवारों की सूची में कन्हैया कुमार का नाम शामिल है. पार्टी के दो उम्मीदवारों की इस सूची में बेगूसराय से कन्हैया कुमार के अलावा तेलंगाना की मेहबूबाबाद लोकसभा सीट से कल्लूरी वेंकटेश्वर राव को उम्मीदवार बनाया गया है.
सीपीआई के बिहार राज्य सचिव ने कहा कि एनडीए को हराने के लिए उन सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को पार्टी मदद करेगी जहां से सीपीआई के उम्मीदवार नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार के कुछ अतिरिक्त सीटों पर भी सीपीआई उम्मीदवार उतार सकती है. उन्होंने कहा कि मोतिहारी, मधुबनी और खगड़िया पर केन्द्रीय कमेटी फैसला लेगी.
उन्होंने कहा कि हम बुद्धिमान लोग हैं, हम बीजेपी को हराने के लिए महागठबंधन का समर्थन कर रहे हैं. राज्य कार्यकारिणी की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया है.
कन्हैया कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि “हम चुनाव लड़ेंगे, लेकिन देश हित में हम बीजेपी विरोधी वोटों का बिखराव नहीं होने देंगे.”
उन्होंने कहा, “देशहित में बीजेपी विरोधी मतों का बिखराव नहीं करेंगे. यह देश की जनता की भावनाओं का कद्र करने का सवाल है. यह समर्थन किसी पार्टी के लिए नहीं है.”
उन्होंने कहा कि हम अपना समर्थन उन तमाम लोगों का करेंगे जो बीजेपी को हराएंगे. हमारी लड़ाई बीजेपी से है.
कन्हैया कुमार ने कहा, “आज देश गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी पार्टी की चिंता नहीं करें. आज अगर हमारी किसी चीज की चिंता है तो वह देश की है, लोकतंत्र की है और संविधान की है. इसको बचाने के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हैं. हमारी लड़ाई आरजेडी, कांग्रेस से नहीं है.”
बिहार में महागठबंधन में वाम दलों को शामिल नहीं किया गया है. महागठबंधन की घोषणा के बाद सीपीआई शीर्ष नेतृत्व ने विपक्षी दलों के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.