हमारा परमाणु भंडारण तेजी से बढ़ रहा है: ईरान


our nuclear reserves is growingrapidly says iran

 

ईरान 2015 के अपने परमाणु समझौते का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए उन्नत सेंट्रीफ्यूज का इस्तेमाल कर रहा है. एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए चेतावनी दी कि समझौते को बचाने के लिए यूरोप के पास नई शर्तों की पेशकश के लिए काफी कम समय बचा है.

ईरान के आण्विक ऊर्जा संगठन से जुड़े बेहरूज कमालवंदी ने बयान में एक साल में परमाणु हथियार बनाने के संकेत दिए हैं. ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है.

ईरान का कहना है कि कठोर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद अगर यूरोप उसके(ईरान) कच्चे तेल को बेचने का तरीका ढूंढ लेता है तो वह समझौते की शर्तों की तरफ तुरंत लौट आएगा.

बहरहाल, ईरान की मंशा पर यूरोप में सवाल उठने की संभावना है क्योंकि एसोसिएटेड प्रेस को मिली सैटेलाइट फोटो में तेल का एक टैंकर दिख रहा है जिसके बारे में ईरान ने कथित तौर पर वादा किया था कि वह सीरिया नहीं जाएगा जबकि वह अब भी उसके तट पर है.

हरमुज जलडमरूमध्य के नजदीक तेल के टैंकरों पर हाल के महीनों में रहस्यमयी हमले हुए थे. इसके अलावा अमेरिका के एक सैन्य निगरानी ड्रोन को ईरान की ओर से मार गिराए जाने और मध्य-पूर्व में अन्य घटनाओं के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है.

कमालवंदी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा भंडारण तेजी से बढ़ रहा है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वे जागेंगे.’’

समझौते में ईरान पर प्रतिबंधों में राहत के बदले उस यूरेनियम संवर्द्धन को सीमित करना है. इन पाबंदियों में ईरान को पहली पीढ़ी के केवल 5060 आईआर- 1 सेंट्रीफ्यूज का इस्तेमाल करना था.

सेंट्रीफ्यूज एक उपकरण है जो यूरेनियम हेक्साफ्लूराइड गैस को तेजी से घूमाकर यूरेनियम को उन्नत बनाता है.

कमालवंदी ने कहा कि ईरान ने आज 20 आईआर-6 सेंट्रीफ्यूज और अन्य 20 आईआर-4 सेट्रीफ्यूज का इस्तेमाल करना शुरू किया है. ईरान के अधिकारियों का कहना है कि आईआर-4 पांच गुना तेजी से उत्पादन करता है.

ईरान ने अपने संवर्द्धन को बढ़ाकर 4.5 फीसदी तक कर लिया है जबकि समझौते के तहत उसे 3.67 फीसदी तक की अनुमति है. उन्नत सेंट्रीफ्यूज का मतलब है कि उसे संवर्द्धन को आगे बढ़ाने के लिए कम समय की जरूरत होगी.

कमालवंदी ने कहा कि ईरान के पास 20 फीसदी से अधिक यूरेनियम संवर्द्धन करने की क्षमता है. विशेषज्ञों का कहना है कि 20 फीसदी छोटा तकनीकी कदम है और हथियार स्तर के लिए आवश्यक 90 फीसदी संवर्द्धन से यह काफी कम है.

कमालवंदी ने कहा, ‘‘इस्लामिक गणराज्य बम नहीं बनाना चाहता है.’’ उन्होंने चेतावनी दी कि समझौते में बने रहने के लिए ईरान के पास कम रास्ते बचे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर यूरोप कोई निर्णय करना चाहता है तो उसे जल्द करना चाहिए.’’


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