9/11 हमलों के बाद अमेरिका का साथ देकर बड़ी भूल की: इमरान


india can take any kind of action in pok says imran khan

 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 23 सितंबर को कहा कि 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका का साथ देकर पाकिस्तान ने बड़ी भूल की. उन्होंने कहा कि पिछली पाकिस्तानी सरकारों को ऐसे वादे नहीं करने चाहिए थे, जिन्हें वे पूरा नहीं कर सकती थीं.

न्यूयॉर्क में विदेश संबंधों की परिषद में भाग लेते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान को तटस्थ रहना चाहिए था क्योंकि आईएसआई ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए उग्रवादी समूहों को ट्रेनिंग दी थी.

एक प्रश्न के उत्तर में इमरान खान ने कहा, “1980 में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान में हमला किया तब पाकिस्तान ने सोवियत संघ से मोर्चा लेने में अमेरिका की मदद की. आईएसआई ने सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद करने के लिए उग्रवादियों को ट्रेनिंग दी.”

खान ने आगे कहा, “सोवियत संघ के खिलाफ लड़ने के लिए हमने इन उग्रवादी समूहों को जन्म दिया. जिहादी तब हीरो थे. 1989 में जब सोवियत संघ अफगानिस्तान से चला गया, तब अमेरिका भी वापस चला गया. उग्रवादी समूह हमारे यहां रह गए.”

खान ने कहा, “इसके बाद 9/11 हुआ और पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ दिया. इस बार हमें उन्हीं उग्रवादी समूहों को आतंकवादी मानकर लड़ना था. उन समूहों को इस बात की ट्रेनिंग दी गई थी कि किसी भी तरह के विदेशी कब्जे से लड़ना जिहाद है. लेकिन अब अमेरिका अफगानिस्तान में आ गया था और उसके खिलाफ लड़ना आतंकवाद था. इस सबके बीच सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान का हुआ.”

खान ने आगे कहा, “पाकिस्तान ने 9/11 के बाद अमेरिका का साथ देकर बहुत बड़ी भूल की. मुझे लगता है कि पाकिस्तानी सरकारों को ऐसे वादे नहीं करने चाहिए थे, जिन्हें वे पूरा नहीं कर सकती थीं.”

पाकिस्तान उन तीन देशों में से एक था जिसने 2001 में अमेरिकी हमले से पहले अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता दी थी. 9/11 के हमलों के बाद अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद, पाकिस्तान ने तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सेना को समर्थन दिया था.


Big News