जयपुर के कई सिनेमाघरों से हटी ‘पानीपत’


Panipat removed from many theaters in Jaipur

 

बॉलीवुड फिल्म ‘पानीपत’ में भरतपुर के तत्कालीन महाराजा सूरजमल के किरदार को गलत तरीके से फिल्माये जाने के विरोध के चलते राजधानी जयपुर के कई सिनेमाघरों ने हाल में रिलीज हुई इस फिल्म के शो रद्द कर दिया गया है.

जयपुर के राजमंदिर, सिनेपोलिस, आईनॉक्स सिनेमाघरों में शो रद्द किये गये हैं. वहीं राज्य सरकार ने लोगों की आपत्तियों को लेकर फिल्म के वितरकों से जवाब मांगा है।

राजमंदिर सिनेमाघर के प्रबंधक अशोक तंवर ने ‘भाषा’ को बताया कि प्रशासन के आगामी आदेश तक फिल्म ‘पानीपत’ के सभी शो रद्द कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि नौ दिसंबर को 12 बजे वाले फिल्म के शो को भी विरोध के चलते बीच में ही रद्द कर दिया गया. पुलिस की मौजूदगी के कारण हांलांकि सिनेमाघर में किसी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं हुई.

वहीं जयपुर के सभी आईनॉक्स सिनेमाघरों में भी विरोध के बाद फिल्म पानीपत के शो रद्द कर दिए गए. आईनॉक्स सूत्रों के अनुसार जयपुर के सभी छह मल्टीप्लैक्स में लगी फिल्म पानीपत के शो को आगामी आदेश तक रद्द कर दिया गया है.

राजस्थान फिल्म ट्रेड एंड प्रोमोशन काउंसिल के महासचिव राज बंसल ने कहा,’ कुछ सिनेमाघरों ने विरोध को देखते हुए फिल्म पर्दे से उतार ली है. सेंसर बोर्ड से मंजूरी के बाद फिल्म दिखाई जा रही है लेकिन विरोध की मार तो सिनेमाघरों को झेलनी पड़ी है.’

बीकानेर, जयपुर एवं भरतपुर में कुछ लोगों ने फिल्म के विरोध में नारेबाजी की और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. भरतपुर में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, विधायक वाजिब अली व मुकेश भाकर व रामस्वरूप गावड़िया ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.

एक नागरिक रामावतार पलसानिया ने फिल्म के निर्माताओं खिलाफ यहां मानसरोवर थाने में शिकायत दी है. इसमें ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ तथा तत्कालीन महाराजा सूरजमल की छवि को धूमिल करने का आरोप है. थाना प्रभारी सुनील कुमार ने कहा कि शिकायत को जांच के लिए रखा गया है और कोई एफआईआर फिलहाल दर्ज नहीं हुई है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (जयपुर) अजय पाल लांबा ने कहा कि जिन सिनेमाघरों में यह फिल्म दिखाई जा रही है वहां सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. उन्होंने कहा,’ किसी को कानून व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.’

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि समाज के लोगों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे, वो संतुष्ट हो जाये उसके बाद फिल्म चले तो ज्यादा बेहतर रहेगा.


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