दवाओं के नाम साफ और कैपिटल लेटर में लिखने को लेकर पीआईएल दायर


PIL filed for writing medicines in clean and capital letter

 

दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र और भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि डॉक्टर पर्ची पर जेनरिक दवाइओं के नाम साफ – साफ और संभव हो तो बड़े अक्षरों (कैपिटल लेटर) में लिखें.

याचिका में मांग की गई है कि भारतीय चिकित्सा परिषद (पेशेगत आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) नियमन, 2002 का सख्ती से अनुपालन किया जाए. नियम प्रत्येक चिकित्सक द्वारा दवाइओं के जेनरिक नाम साफ-साफ और बड़े अक्षरों में लिखने का प्रावधान करता है.

पेशे से वकील अमित साहनी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि परिषद ने साल 2017 में भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम के तहत पंजीकृत प्रैक्टिस करने वाले सभी डॉक्टरों को निर्देश दिया था कि वे जेनरिक नामों का इस्तेमाल करें, लेकिन दुर्भाग्य से किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया.

इसमें आरोप लगाया गया कि अधिकारी मामले को गंभीरता से लेने में नाकाम रहे और खुद को सिर्फ परिपत्र जारी रखने तक सीमित रखा.


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