योगी आदित्यनाथ को लोकायुक्त के दायरे में लाने वाली याचिका पर नोटिस


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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोकायुक्त के दायरे में लाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से छह हफ्तों में जवाब देने को कहा है. यह याचिका पेशे से वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने दायर की है. याचिका में राज्य सरकार कानून में संशोधन कर मुख्यमंत्री कार्यालय को लोकायुक्त के दायरे में लाने की मांग की गई है.

इसके साथ याचिका में यह अपील की गई है कि अवमानना मामला और दूसरे राज्यों में छापेमारी से संबंधित मामले को भी लोकायुक्त के दायरे में लाया जाए.

याचिका में कहा गया कि उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त, अधिनियम 1975 की मौजूदा स्थिति लोकायुक्त को पर्याप्त शक्तियां नहीं देती हैं, जिस उद्देश्य के लिए इसका गठन किया गया था.

याचिकाकर्ता शिव कुमार त्रिपाठी की इस याचिका में 43 साल पुराने कानून का संशोधन करने की मांग की गई है. जिससे भ्रष्टाचार की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री को इसके दायरे में लाया जा सके.

साथ ही यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त के पास किसी मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार, पक्षपात या भाई-भतीजावाद में शामिल पाए जाने पर कार्रवाई का अधिकार नहीं है.


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