31 अक्टूबर तक ब्रेग्जिट के लिए अड़े पीएम जॉनसन


Johnson's decision to suspend Parliament by UK court is illegal : court

 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के बाहर होने में और वक्त मांगने संबंधी पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है. उन्होंने एक पत्र भेजकर कहा है कि वह इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहते.

जॉनसन के कार्यालय से जुड़े एक सूत्र ने 19 अक्टूबर को यह जानकारी दी.

सांसदों ने 19 अक्टूबर उनके ब्रेग्जिट समझौते को समर्थन देने से इनकार कर दिया जिससे बाद कानूनन जॉनसन को ब्रेग्जिट में विलंब करने के अनुरोध वाला एक पत्र लिखना होगा. लेकिन जॉनसन का रवैया ठीक इसके विपरीत है और वह इस बात पर अड़े हुए हैं कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर की तय समयसीमा में यूरोपीय संघ से अलग हो जाए.

सूत्र ने बताया कि जॉनसन ने कानून के उस पत्र की प्रति ईयू को भेजी है कि ब्रेग्जिट समझौता नहीं होने की सूरत में उन्हें ब्रिटेन को ईयू से बाहर करने में विलंब का अनुरोध करने संबंधी एक पत्र लिखना होगा. लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर अबतक हस्ताक्षर नहीं किया है.

इसके ठीक उलट उन्होंने दूसरा पत्र भेजा है जिसमें यह स्पष्ट है कि वह इसमें देरी नहीं चाहते और इसी माह ब्रेग्जिट चाहते हैं.

वहीं, ईयू को तीसरा पत्र ब्रिटेन के राजदूत टिम बैरो ने लिखा है कि ब्रेग्जिट विलंब पत्र कानून के अनुरूप भेजा जा रहा है.

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ब्रसेल्स में इस बात की पुष्टि की कि विलंब करने का अनुरोध मिला है.

ईयू से जुड़े एक अन्य सूत्र ने हालांकि, इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया.

टस्क ने ट्वीट किया,”समयावधि बढ़ाने का अनुरोध अभी प्राप्त हुआ है. ईयू के नेताओं से इस पर विचार विमर्श करूंगा कि इस पर क्या फैसला लेना है.”

जॉनसन ने इससे पहले कहा कि वह ईयू नेताओं से कहेंगे कि ”आगे और विलंब इस देश के लिए बुरा होगा, यूरोपीय संघ के लिए बुरा होगा और लोकतंत्र के लिए बुरा होगा.”

उन्होंने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में कहा, ”मैं ईयू के साथ विलंब को बर्दाश्त नहीं करूंगा और न ही कानून को खुद को ऐसा करने के लिए विवश करने दूंगा.”


ताज़ा ख़बरें