प्रशांत भूषण ने सीआईसी की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए
मोदी सरकार की ओर से मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्त के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को लेकर वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकार ने सर्च समिति में व्यय विभाग के सचिव को रखा था जिन्होंने सूचना आयुक्त के पद के लिए खुद आवेदन किया हुआ था और उन्हें इसके लिए शॉर्टलिस्ट किया गया. इससे अलावा नियुक्ति प्रक्रिया के लिए दिया गया विज्ञापन भी दोषपूर्ण था.
मुख्य सूचना आयुक्त का चयन करने के लिए सर्च समिति ने जो पांच नाम शॉर्ट लिस्ट किए थे उसमें से चार उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया था. इसका मतलब यह हुआ कि सर्च समिति ने खुद ही इन नामों की सिफारिश की.
सर्च समिति के पास पद के लिए योग्य किसी भी उम्मीदवार को शॉर्ट लिस्ट करने की शक्ति है.
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों में पारदर्शिता बरतने के लिहाज से सर्च समितियों और आवेदकों का ब्योरा वेबसाइट पर डालने को कहा था लेकिन सरकारों ने इसका पालन नहीं किया था.
30 दिसंबर को मोदी सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की थी. ये चारों सूचना आयुक्त सरकारी अधिकारी रह चुके हैं.