‘LG को पुडुचेरी सरकार की रोज़मर्रा की गतिविधियों में दखल का अधिकार नहीं’


age of consent should be below 18: Madras high court

 

एक बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के पास इस केंद्र शासित प्रदेश की रोजमर्रा की गतिविधियों में दखल देने का अधिकार नहीं है. पुडुचेरी में विभिन्न प्रशासनिक मामलों को लेकर बीते कई महीनों से मुख्यमंत्री वी नारायणसामी की सरकार और उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच टकराव चल रहा है.

जाहिर है कि ऐसे में मद्रास हाई कोर्ट की इस टिप्पणी ने उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र की सीमाएं स्पष्ट कर दी हैं.

वी नारायणसामी आरोप लगाते रहे हैं कि उपराज्यपाल किरण बेदी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर अड़ंगा लगा रही है. इस साल के जनवरी महीने में किरण बेदी ने सरकार की पोंगल उपहार योजना के लक्षित लाभार्थियों को सीमित कर दिया था. राज्य सरकार ने यह योजना बीपीएल, एपीएल, एएवाई श्रेणियों के परिवारों के लिए बनाई थी जबकि किरण बेदी ने इसे सिर्फ बीपीएल परिवारों तक सीमित कर दिया था. तब वी नारायणसामी ने कहा था कि वह मनमाने ढंग से निर्णय ले रही हैं.

इससे पूर्व साल 2018 में नारायणसामी ने उन पर केंद्रीय अनुदान के बारे में झूठी सूचना देने का भी आरोप लगाया था. बेदी ने दावा किया था कि केंद्र राज्य सरकार की जरुरतों के लिए 60 फीसदी अनुदान दे रहा है जबकि नारायणस्वामी ने कहा था कि अनुदान की राशि महज 26 फीसदी ही है.

उप राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश में निर्वाचित सरकार के अधिकार क्षेत्रों को लेकर टकराव राजधानी दिल्ली में भी खुलकर सामने आता रहा है.  इस साल फरवरी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ धरने पर बैठे नारायणसामी के साथ एकजुटता दिखाने  पुडुचेरी भी पहुंचे थे.


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