राफेल मामला: केंद्र ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

केंद्र सरकार ने राफेल मामले में जवाब दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा बढ़ाने की मांग की. केंद्र ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में मंगलवार को होने वाली सुनवाई टाल दी जाए.

कोर्ट ने सुनवाई को टालने से मना कर दिया है, लेकिन केंद्र से इस मामले के सभी हितधारकों को पत्र लिखकर सुनवाई को स्थगित करने के बारे में बताने की इजाजत दे दी है.

बीती 10 अप्रैल को कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका रद्द करने वाली केंद्र सरकार की मांग को खारिज कर दिया था. इस मामले में केंद्र ने कोर्ट से अपील की थी कि राफेल मामले में जिन तथ्यों के आधार पर अपील दाखिल की गई है वे गुप्त हैं. केंद्र ने कोर्ट से कहा था कि इस तरह के तथ्यों के आधार पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए.

इससे पहले दिसंबर 2018 में कोर्ट ने राफेल मामले की जांच का आदेश देने वाली मांग खारिज कर दी थी. लेकिन इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने पुनर्विचार के लिए याचिका दाखिल की थी.

ये पुनर्विचार याचिका प्रशांत भूषण, यशवंत सिंहा और अरुण शौरी ने दाखिल की थी.

इस पुनर्विचार याचिका में मीडिया रिपोर्ट में राफेल डील पर हुए खुलासे के आधार पर फिर से सुनवाई करने की मांग की गई थी. इसमें अधिकतर रिपोर्ट हिंदू समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थीं.

इस मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने दावा किया था कि जो आंकड़े मीडिया में सामने आए हैं वे गुप्त आधिकारिक फाइलों से लिए गए हैं. केंद्र ने कहा था कि इन्हें अवैध तरीके से प्रकाशित किया गया है. इन सबको देखते हुए कोर्ट को इस मामले की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए.


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