रघुराम राजन ने माना, ‘न्याय’ पर राहुल गांधी से साझा किए अपने विचार
पूर्व आरबीआई प्रमुख रघुराम राजन ने माना है कि उन्होंने न्याय योजना पर कांग्रेस के साथ अपने विचार साझा किए हैं. साथ ही राजन ने कहा “योजना वर्तमान समय में जरूरी है और पूरी तरह व्यवहारिक है. हमें इस पर काम करने की जरूरत है.”
बीते हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से न्याय योजना की घोषणा के बाद शुरू हुए अटकलों के दौर के बीच राजन ने साफ कर दिया है कि उन्होंने इस योजना पर पार्टी के साथ अपने विचार साझा किए हैं.
उन्होंने कहा कि न्याय योजना के संबंध में मैंने अपने विचार कांग्रेस के साथ साझा किए हैं. राजन ने बताया कि योजना पर उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, और कांग्रेस नेताओं से बात की है.
इसके साथ ही राजन ने कहा है कि अगर उनके लायक कोई अवसर आता है तो वह भारत लौटने को तैयार हैं. राजन ने यह बात उन अटकलों के बीच कही है कि केंद्र में आम चुनावों के बाद अगर विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो वह अगले वित्त मंत्री हो सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व अर्थशास्त्री राजन ने अपनी नई किताब ‘द थर्ड पिलर’ के विमोचन करने के अवसर पर कहा, ‘‘मैं जहां हूं, बहुत खुश हूं. लेकिन अगर मेरे लायक कोई अवसर आता है तो मैं हमेशा वहां रहना चाहूंगा.’’
उन्होंने कहा, “इस पर चर्चा करना जल्दबाजी है. मुझे वास्तव में लगता है कि यह भारत के लिए महत्वपूर्ण चुनाव है और हमें नए सुधारों की जरूरत है. मुझे उन विचारों को आगे बढ़ाने में खुशी होगी…”
न्याय योजना के आलोचकों से राजन ने कहा कि “योजना के आलोचकों का मानना है कि इससे लोगों में काम नहीं करने की प्रवृत्ति को बढ़वा मिलेगा.” राजन कहा कि ऐसा नहीं है, इस तरह की योजना कुछ समय के बाद उनकी मौजूदा क्षमताओं में बढ़ोत्तरी करेगी, जिससे अतंतः विकास दर में बढ़ोत्तरी होगी.
एसोसिएसन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के हवाले से उन्होंने कहा, भारत में फिलहाल रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. राजन के मुताबिक आगामी सरकार को रोजगार के नए अवसर देने होंगे और साथ ही कौशल विकास की समस्या पर भी ध्यान देना होगा.